About Me

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हर जगह ये पूछा जाता है कि अपने बारे मे बताइए (About me), हम ये सोचते है की जो हमें जानते है उन्हें अपने बारे मे बताना ग़लत होगा क्योंकि वो हमें जानते है और जो हमें नही जानते उन्हे हम बता कर क्या करेंगे की हम कौन है | जो हमें नही जानता क्या वो वाकई हमें जानना चाहता है और अगर जानना चाहता है तो उसे About me से हम क्या बताये क्योंकि हम समझते है बातचीत और मिलते रहने से आप एक दूसरे को बेहतर समझ सकते हो About Me से नही | वैसे एक बात और है हम अपने बारे मे बता भी नही सकते है क्योंकि हमें खुद नही पता की हम क्या है ? हम आज भी अपने आप की तलाश कर रहे है और आज तक ये नही जान पायें हैं की हम क्या है? अब तक का जीवन तो ये जानने मे ही बीत गया है की हमारे आस पास कौन अपना है और कौन पराया ? ये जीवन एक प्रश्न सा ज़रूर लगता है और इस प्रश्न को सुलझाने मे हम कभी ये नही सोच पाते है की हम कौन है? कुछ बातें सीखने को भी मिली जैसे आपका वजूद आपके स्वभाव या चरित्र से नही बल्कि आपके पास कितने पैसे है उससे निर्धारित होता है | कुछ लोग मिले जो कहते थे की वो रिश्तों को ज़्यादा अहमियत देते है लेकिन अंतत: ... बहुत कुछ है मन मे लिखने के लिए लेकिन कुछ बातें या यू कहें कुछ यादें आ जाती है और मन खट्टा कर जाती है तो कुछ लिख नही पाते हैं |

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Friday, October 19, 2012

नवदुर्गा प्रश्नावली चक्र


नवरात्रि के नौ दिनों में सभी चाहते हैं कि माता की कृपा उन्हें प्राप्त हो। इसके लिए हर भक्ति अपने तरीके से माता की आराधना करता है। दरअसल नवरात्रि सिर्फ एक पर्व ही नहीं बल्कि इसमें जीवन प्रबंधन से जुड़े कई सूत्र भी छिपे हैं। आवश्यकता है तो बस उन्हें समझने की। नवरात्रि के शुभ अवसर पर हम आपके लिए लाएं हैं नवदुर्गा प्रश्नावली चक्र। इसके माध्यम से आप अपने जीवन की परेशानियों व सवालों का हल आसानी से पा सकते हैं। यह बहुत ही चमत्कारी चक्र है।

उपयोग विधि
जिसे भी अपने सवालों का जवाब या परेशानियों का हल जानना है वो पहले पांच बार ऊँ ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे मंत्र का जप करने के बाद 1 बार इस मंत्र का जप करें-
या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
इसके बाद आंखें बंद करके अपना सवाल पूछें और माता दुर्गा का स्मरण करते हुए प्रश्नावली चक्र पर कर्सर घुमाते हुए रोक दें। जिस कोष्ठक (खाने) पर कर्सर रुके, उस कोष्ठक में लिखे अंक के फलादेश को ही अपने अपने प्रश्न का उत्तर समझें।
1- धन लाभ होगा एवं मान-सम्मान भी मिलेगा।
2- धन हानि अथवा अन्य प्रकार का अनिष्ट होने की आशंका है।
3- अभिन्न मित्र अथवा प्रिय से मिलन होगा, जिससे मन प्रफुल्लित होगा।
4- कोई व्याधि अथवा रोग होने की आशंका है, अत: कार्य अभी टाल देना ही श्रेयस्कर रहेगा।
5- जो भी कार्य आपने सोचा है, उसमें आपको सफलता मिलेगी, निश्चिंत रहें।
6- कुछ दिन कार्य टाल दें। इसमें किसी से कलह अथवा कहासुनी हो सकती है, जिसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। 
7- आपका अच्छा समय शुरु हो गया है। शीघ्र ही सुंदर एवं स्वस्थ पुत्र होने के योग हैं। इसके अतिरिक्त आपकी अन्य मनोकामनाएं भी पूर्ण होंगी। 
8- विचार पूरी तरह त्याग दें। इस कार्य में मृत्यु तुल्य कष्ट की आशंका है। यहां तक कि मृत्यु भय भी है। 
9- समाज अथवा सरकार की दृष्टि में सम्मान बढ़ेगा। आपका सोचा हुआ कार्य अच्छा है। 
10- आपको अपेक्षित लाभ प्राप्त होगा, अत: कार्यारंभ कर सकते हैं।
11- आप जिस कार्य के बारे में सोच रहे हैं, उसमें हानि की आशंका है। 
12- आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। पुत्र से भी आपको विशेष लाभ मिलेगा। 
13- शनिदेव की उपासना करें, कार्य में आ रही बाधाएं दूर होंगी। 
14- आपका अच्छा समय शुरु हो गया है। चिंताएं मिटेंगी, सुख-संपत्ति प्राप्त होगी। 
15- आर्थिक तंगी के कारण ही आपके घर में सुख-शांति नहीं है। एक माह बाद स्थितियां बदलने लगेंगी, धैर्य एवं संयम रखें।
Saturday, September 15, 2012

जेब व तिजोरी में होगा मनचाहा पैसा

देवी लक्ष्मी अभावों का अंत करती है। जीवन में कर्म, विचार और व्यवहार भी भावों से ही नियत होते हैं। जहां बुरी सोच नारकीय जीवन की ओर ले जाती है, तो अच्छी भावना या विचार अभावों का नाश कर वैभवशाली बनाते हैं। 
भाव और वैभव द्वारा जीवन में अभावों की खाई भरने के लिए ही देवी लक्ष्मी का स्वरूप वैभव लक्ष्मी का स्मरण शुभ माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक देवी उपासना के किसी भी विशेष दिन जैसे अमावस्या, शुक्रवार, नवमी या नवरात्रि  की रात्रि में विशेष मंत्र से लक्ष्मी का ध्यान मनचाहे आनंद व समृद्धि देता है। 
फिर आज तो विष्णु भक्ति के विशेष काल अधिकमास के साथ अमावस्या का ही संयोग है। इसलिए जानिए वैभव लक्ष्मी की उपासना का आसान उपाय और मंत्र विशेष - 
- माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें। दूध के पकवानों या खीर का भोग लगाएं। 
- पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें -  
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। 
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ 
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। 
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
- इस मंत्र जप के बाद माता लक्ष्मी की गोघृत दीप से आरती करें।
- माता लक्ष्मी से क्षमा प्रार्थना करें व हर अभाव का दूर करने की कामना करें। प्रसाद ग्रहण कर घर के द्वार पर एक दीप लगाएं।
Wednesday, March 21, 2012

अमावस्या-गुरुवार का संयोग - धन अभाव दूर करे शिव मंत्र के साथ यह खास उपाय

काल की मार से सबल को भी कमजोर बन तन, मन या धन की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे वक्त में प्रेम और सहयोग ही सबसे बड़ी ताकत बन सकती है। किंतु अभाव में संयम की कमी परिवार में कलह और तंगहाली के हालात भी पैदा करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक काल के नियंत्रक भगवान शिव हैं। शिव सत्य और प्रेम स्वरूप ब्रह्म के रूप में भी पूजनीय है। वहीं ज्ञानस्वरूप होने से वे जगतगुरु भी कहलाते हैं।
यही कारण है कि शिव भक्ति विपरीत समय में जीवन की नैय्या को पार लगाने वाली मानी गई है। बृहस्पति भी शिवकृपा से देव गुरु बने। जिनमें धन कामना सिद्धि के लिए अमावस्या के साथ गुरुवार के संयोग में शिव भक्ति ज्ञान, धन और शांति देने वाली मानी गई है।
कल अमावस्या-गुरुवार के संयोग में यहां बताया जा रहा है शिव उपासना का समृद्ध और कलहमुक्त जीवन जीने के लिए एक ऐसा सरल उपाय। जिसे आप चलते-फिरते दिन में किसी भी वक्त अपनाएं तो बहुत ही लाभ प्राप्त होगा। इससे ग्रह दोष शांति भी होगी।
यह उपाय है - विशेष मंत्र से शिव का ध्यान व पीपल की जड़ में दूध व काले तिल मिले जल का अर्पण। चूंकि पीपल वृक्ष में भगवान शिव का वास भी माना गया है। इसलिए कष्ट निवारण और दरिद्रता के शमन का यह अचूक उपाय माना गया है। जानें यह मंत्र और विधि -
- अमावस्या पर स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करें।
- समीप स्थित किसी पीपल वृक्ष खासतौर पर देवालय के पीपल वृक्ष को प्रणाम कर गंध, अक्षत, फूल अर्पित करें।
- पूजा सामग्री अर्पित कर नीचे लिखें मंत्रों से पीपल को स्पर्श करें और शिव का स्मरण कर जल व तिल मिला जल पीपल की जड़ में चढ़ाएं -
पीपल स्पर्श करते हुए यह मंत्र बोलें, बाद पीड़ा व दरिद्रता नाशक शिव नाम मंत्र बोलें -
नेत्रस्पन्दादिजं दु:खं दु:स्वप्रं दुर्विचिन्तनम्।
शक्तानां च समुद्योगमश्र्वत्थ त्वं क्षमस्व मे।।
शिव मंत्र -
ॐ शर्वाय नम: (शर्व यानी कष्ट को हरने वाले)
- मंत्र स्मरण व जल अर्पण के बाद मिठाई का भोग लगा धूप, दीप से शिव आरती कर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों को हरने की विनती भगवान शिव से मन ही मन करें। पीपल में चढ़ाया थोड़ा सा जल घर में लाकर छिड़कें।

सारी तकलीफें दूर करेगा हनुमान पूजा का यह उपाय

श्री हनुमान संकटमोचक देवता हैं। माना जाता है कि पूर्ण आस्था और पवित्रता के साथ किसी भी रूप में हनुमान उपासना भक्त और उसके घर-परिवार पर आने वाले हर संकट को दूर करती है। खासतौर पर अमावस्या तिथि तो ग्रह पीड़ा, शांति, रोग, शोक दूर करने के लिए शिव या उनके अवतारों की आराधना के लिए बेहद मंगलकारी मानी गई है।
यही कारण है कि कल अमावस्या पर श्री हनुमान की पूजा का यहां बताया जा रहा छोटा-सा उपाय जीवन से शारीरिक, मानसिक या आर्थिक परेशानियों को दूर करने में सरल और असरदार माना गया है। जानिए, यह सरल उपाय-
- अमावस्या तिथि की सुबह स्नान और स्वच्छ यथासंभव लाल या सिंदूर रंग के वस्त्र पहन श्री हनुमान की पूजा करें।
- सिंदूर का चोला चढ़े श्री हनुमान की पूजा में सिंदूर, कुमकुम, लाल अक्षत, फूल व फल चढ़ाएं।
- इन पूजा सामग्रियों के अलावा विशेष रूप से सिंदूर लगे एक नारियल पर मौली या कलेवा लपेटकर श्री हनुमान के चरणों में अर्पित करें।
- नारियल को चढ़ाते समय श्री हनुमान चालीसा की यह चौपाई का पाठ मन ही मन करें -
जै जै जै हनुमान गौसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाई।
- श्री हनुमान से तन, मन या धन से जुड़े जीवन के हर संकट से रक्षा की प्रार्थना कर आरती व क्षमा प्रार्थना करें।

हर परेशानी का हल छिपा है इस पोटली में

क्या आपका व्यवसाय ठीक नहीं चल रहा है? या फिर कमाई से अधिक खर्च हो जाता है, या नौकरी में तरक्की नहीं मिल रही है? धन आकर खर्च हो जाता हो तो घबराइए बिल्कुल नहीं। तंत्र शास्त्र में ऐसे कई टोटके हैं जिनसे यह सभी समस्याएं तुरंत ही हल हो सकती है। यदि आपके साथ भी यही समस्याएं हैं तो नीचे लिखे टोटका करें-
टोटका
- किसी गुरू पुष्य योग और शुभ चन्द्रमा के दिन सुबह हरे रंग के कपड़े की छोटी थैली तैयार करें। श्रीगणेश के चित्र अथवा मूर्ति के आगे संकटनाशन गणेश स्तोत्र के 11 पाठ करें।
- तत्पश्चात् इस थैली में 7 मूंग, 10 ग्राम साबुत धनिया, एक पंचमुखी रूद्राक्ष, एक चांदी का रुपया या 2 सुपारी, 2 हल्दी की गांठ रख कर दाहिने मुख के गणेश जी को शुद्ध घी के मोदक का भोग लगाएं।
- यह थैली तिजोरी या कैश बॉक्स में रख दें। गरीबों और ब्राह्मणों को दान करते रहें। आर्थिक स्थिति में शीघ्र सुधार आएगा।
- 1 साल बाद नई थैली बना कर बदलते रहें।

किस्मत बदलने का आनोखा और आसान तरीका

आप सोच रहे होंगे कि झाड़ू-पोंछे के टोटके आपकी किस्मत कैसे बदल सकते हैं? लेकिन ये सच है। ये टोटके सुनने में जितने अनोखे है, करने में उतने ही आसान भी है। इन टोटको से आपके दिन तो बदल जाएंगे साथ ही आपकी किस्मत पर भी इसका अच्छा असर पड़ेगा। इन टोटको को करने के लिए आपको बस कुछ छोटी छोटी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
झाड़ू कहां और कैसे रखें-
घर में साफ-सफाई करने और उसे सुव्यवस्थित रखने के लिए प्रत्येक घर में झाड़ू और पोंछे का इस्तेमाल किया जाता है। ये दोनों चीजें घर में प्रवेश करने वाली बुरी अथवा नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करने की प्रतीक भी हैं।
- खुले स्थान पर झाड़ू रखना अपशकुन माना जाता है, इसलिए इसे छिपा कर रखें।
- भोजन कक्ष में झाड़ू भूलकर भी खुले स्थान में न रखें, क्योंकि इससे अनाज खत्म होने और इनकम के रूक जानें का डर बना रहता है।  - अगर आप अपने घर के बाहर दरवाजे के सामने झाड़ू उल्टा करके रखते हैं, तो यह चोर और बुरी ताकतों से आपके घर की रक्षा करता है। - ये काम केवल रात के समय किया जा सकता है। दिन के समय झाड़ू छिपा कर रखना चाहिए, ताकि किसी को नजऱ न आए।
क्या न करें
- अगर कोई बच्चा अचानक झाड़ु लगा रहा है तो समझना चाहिए अनचाहे मेहमान घर में आने वाले हैं।
- सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ु पोछा गलती से भी नहीं लगाना चाहिए। ऐसी गलती करने से आपके बुरे दिन शुरू हो सकते हैं।
- झाड़ु पर गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए ऐसा होने पर लक्ष्मी जी रूठ जाती हैं और आपके अच्छे दिन खत्म हो जाते हैं।
पोंछा कब और कैसे लगाएं-
- अगर आप घर में पोछा लगा रहे हैं तो नमक मिले पानी से पोंछा लगाइए। ऐसा करने से आपके घर से नकारात्मकता खत्म हो जाएगी।  बुरी ताकतों का भी आप पर कोई असर नहीं होगा।
- घर में रोज पोछा लगाने से आपके घर में लक्ष्मी का निवास होने लग जाता है।
- गुरुवार को घर में पोछा न लगाएं ऐसा करने से लक्ष्मी रूठ जाती है।
- पोंछा लगाने वाले पानी में पांच चममच सादा समुद्री नमक मिलाने से जल्दी सकारात्मक असर देखने को मिलता है और नकारात्मक ऊर्जा को कम किया जा सकता है।
घर में प्रतिदिन नमक मिले पानी से पोंछा लगाना बहुत शुभ माना जाता है।

इस उपाय को करने से अचानक धन लाभ होता है...

जो लोग धनहीन है या जिनके पास धन की कमी है वे सोचते हैं कि अचानक कहीं से धन लाभ हो जाए जिससे धन संबंधी उनकी सभी समस्याएं समाप्त हो जाएं। हालांकि ऐसा होना काफी मुश्किल है। लेकिन यदि नीचे लिखा उपाय पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ किया जाए तो ऐसा संभव है। इस उपाय को करने से अचानक धन लाभ होता है। यह उपाय इस प्रकार है-

उपाय
शुक्ल पक्ष के किसी शुक्रवार को रात 12 बजे के बाद नहाकर व साफ वस्त्र पहनकर घर के किसी एकांत स्थान पर एक बाजोट(पटिया) रखें। इसके ऊपर लाल कपड़ा बिछाएं और पीले फूल का एक आसन बनाएं। इसके ऊपर श्री चक्र स्थापित कर विधि-विधान से इसकी पूजा करें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का जप 51 बार करें-
ऊँ ह्रीं श्रीं ह्रीं नम:
इसके बाद श्री चक्र को एक सफेद कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें। ग्यारह दिन के बाद श्री चक्र को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से अचानक धन लाभ होगा।
Tuesday, February 28, 2012

कई तरह के दर्द की एक दवा हैं चुटकी भर हींग

मसालों का उपयोग भारतीय भोजन में प्राचीन समय से होता आ रहा है। इन मसालों में से ही कई मसाले ऐसे भी है,जो सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते हैं बल्कि अगर सही तरीके से इनका उपयोग किया जाए तो ये कई बीमारियों को भी दूर करते हैं। ऐसा ही एक मसाला है हींग। हींग वैसे तो कई तरह से उपयोग में लाई जाती है,लेकिन इसे आयुर्वेद में एक बहुत अच्छा दर्द निवारक माना गया है। वैद्यों का मानना है कि हींग को हमेशा भूनकर उपयोग में लाना चाहिए।
- एक कप गर्म पानी में एक चम्मच हींग का पाउडर घोलें। इस घोल में सूती कपड़े को भिगोकर पेट के उस हिस्से की सिकाई करें जहां दर्द हो रहा है। थोड़ी ही देर में दर्द से राहत मिलेगी।
- हींग में जरा सा कपूर मिलाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से दांत दर्द बंद हो जाता है ।
- भुनी हुई हींग, काली मिर्च ,पीपल काला नमक समान मात्रा में लेकर पीस लें। रोजाना चौथाई चम्मच यह चूर्ण गर्म पानी से सेवन करें। गैस और कब्ज की समस्या धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।
- पांच ग्राम भुनी हुई हींग, चार चम्मच अजवाइन, दस मुनक्का, थोड़ा काला नमक सबको कूट पीसकर चौथाई चममच तीन बार नित्य लेने से ,उल्टी होना ,जी मिचलाना ठीक हो जाता है।
- अदरक की गांठ में छेद करके इसमें जरा सा हींग डालकर काला नमक भर कर ,खाने वाले पान के पत्ते में लपेटकर धागा बांध कर गीली मिटटी का लेप कर दें।इसे आग में डाल कर जला लें ,जल जाने पर पीसकर मूंगफली के दाने के बराबर आकार की गोलियां बना लें। एक एक गोली दिन में चार बार चूसें। जल्द ही आराम मिलेगा।
- पैर फटने पर नीम के तेल में हींग डालकर लगाने से आराम मिलता है।
- थोड़ी सी हींग को गुड में लपेटकर गरम पानी से लें। गैस का पेट दर्द ठीक हो जायेगा।
- दांत दर्द में अफीम और हींग का फाहा रखें तो आराम मिलता है।
- हींग को पानी में घोलकर लेप बनाकर उस पर लगाने से चर्म रोग में आराम मिलता है।

इस उपाय से रात में न तो बच्चों को डर लगेगा और न ही बुरे सपने सताएंगे

क्या आपके बच्चे को रात में डर लगता है या फिर रात में सोते समय उसे बुरे-बुरे सपने आते हैं। रात में बच्चों का डरना या फिर अचानक चौंक कर उठ जाना एक आम समस्या है। बच्चों का मनोमस्तिष्क बहुत ही कोमल होता है। वे अपने आस-पास जैसी बातें सुनते हैं या देखते हैं उन्हें वैसा ही अहसास होने लगता है। अगर आपके बच्चे को भी यही समस्या है तो इसके लिए नीचे लिखा आसान उपाय करें-
किसी शनिवार को पीपल के पेड़ की एक टहनी तोड़ कर घर ले आएं। अब इसे गंगाजल से अच्छी तरह धोएं तथा गोमूत्र छिड़क दें तथा इसे रात में सोते समय बच्चों के सिरहाने रख दें। इस उपाय से रात में न तो बच्चों को डर लगेगा और न ही बुरे सपने सताएंगे।

चमत्कारी हैं इस पेड़ के पत्ते

शास्त्रों के अनुसार तीनों देवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश में सर्वश्रेष्ठ महेश अर्थात् शिव को कई प्रकार की पूजन सामग्री अर्पित की जाती हैं। इनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण सामग्रियों में फूल और पत्तियां भी शामिल हैं। भोलेनाथ को बिल्व पत्र चढ़ाने का विधान है। ऐसा माना जाता है मात्र बिल्व के पेड़ पत्तियां चढ़ाने से महादेव भक्त से प्रसन्न हो जाते हैं। इसी वजह से इन बिल्व पत्रों को चमत्कारिक माना जाता है।
भोलेनाथ को प्रतिदिन बिल्व चढ़ाने से भक्त को सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं। बिल्व पत्र अर्पण करने से शिव का सामिप्य प्राप्त होता है। अर्थात् भक्त शिव निकट पहुंच जाता है। इन पत्तों का इतना अधिक महत्व होने के कारण ही शास्त्रों में इसके लिए कई प्रकार के नियम बनाए गए हैं। कुछ दिन और तिथियां बताई गई हैं जब इन पत्तों को नहीं तोडऩा चाहिए।
किसी भी माह की अष्टमी, चर्तुदशी, अमावस्या, पूर्णिमा तिथि पर बिल्व पत्र नहीं तोडऩा चाहिए। इसके अलावा सोमवार को बिल्व पत्र नहीं तोडऩा चाहिए। सोमवार शिव का प्रिय दिवस होता हैं। इन तिथियों और दिन पर बिल्व के पत्ते नहीं तोड़े जाने चाहिए अत: एक दिन पहले ही तोड़े हुए बिल्व पत्र पूजन में उपयोग लेना चाहिए। किसी भी दिन और तिथि पर खरीदकर लाया हुआ बिल्वपत्र हमेशा ही पूजन में शामिल किया जा सकता है।

हनुमान चालीसा में चालीस दोहे ही क्यों हैं?

श्रीराम के परम भक्त हनुमानजी हमेशा से ही सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं। शास्त्रों के अनुसार माता सीता के वरदान के प्रभाव से बजरंग बली को अमर बताया गया है। ऐसा माना जाता है आज भी जहां रामचरित मानस या रामायण या सुंदरकांड का पाठ पूरी श्रद्धा एवं भक्ति से किया जाता है वहां हनुमानजी अवश्य प्रकट होते हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए बड़ी संख्या श्रद्धालु हनुमान चालीसा का पाठ भी करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि हनुमान चालिसा में चालीस ही दोहे क्यों हैं?
केवल हनुमान चालीसा ही नहीं सभी देवी-देवताओं की प्रमुख स्तुतियों में चालिस ही दोहे होते हैं? विद्वानों के अनुसार चालीसा यानि चालीस, संख्या चालीस, हमारे देवी-देवीताओं की स्तुतियों में चालीस स्तुतियां ही सम्मिलित की जाती है। जैसे श्री हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा, शिव चालीसा आदि। इन स्तुतियों में चालीस दोहे ही क्यों होती है? इसका धार्मिक दृष्टिकोण है। इन चालीस स्तुतियों में संबंधित देवता के चरित्र, शक्ति, कार्य एवं महिमा का वर्णन होता है। चालीस चौपाइयां हमारे जीवन की संपूर्णता का प्रतीक हैं, इनकी संख्या चालीस इसलिए निर्धारित की गई है क्योंकि मनुष्य जीवन 24 तत्वों से निर्मित है और संपूर्ण जीवनकाल में इसके लिए कुल 16 संस्कार निर्धारित किए गए हैं। इन दोनों का योग 40 होता है। इन 24 तत्वों में 5 ज्ञानेंद्रिय, 5 कर्मेंद्रिय, 5 महाभूत, 5 तन्मात्रा, 4 अन्त:करण शामिल है। सोलह संस्कार इस प्रकार है-

1. गर्भाधान संस्कार
2. पुंसवन संस्कार
3. सीमन्तोन्नयन संस्कार
4. जातकर्म संस्कार
5. नामकरण संस्कार
6. निष्क्रमण संस्कार
7. अन्नप्राशन संस्कार
8. चूड़ाकर्म संस्कार
9. विद्यारम्भ संस्कार
10. कर्णवेध संस्कार
11. यज्ञोपवीत संस्कार
12. वेदारम्भ संस्कार
13. केशान्त संस्कार
14. समावर्तन संस्कार
15. पाणिग्रहण संस्कार
16. अन्त्येष्टि संस्कार
भगवान की इन स्तुतियों में हम उनसे इन तत्वों और संस्कारों का बखान तो करते ही हैं, साथ ही चालीसा स्तुति से जीवन में हुए दोषों की क्षमायाचना भी करते हैं। इन चालीस चौपाइयों में सोलह संस्कार एवं 24 तत्वों का भी समावेश होता है। जिसकी वजह से जीवन की उत्पत्ति है।

हस्ताक्षर के नीचे खींचना चाहिए पूरी लाईन

आज अधिकांश लोगों की समस्या होती है कि उनके पास पैसा बचता नहीं। दिन रात मेहनत करके धन तो खूब कमाते हैं परंतु बचत नहीं हो पाती और जब पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तब कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में हस्ताक्षर के संबंध में कुछ बातें ध्यान रखने योग्य बताई हैं। इन बातों को अपनाने से कुछ ही समय में धन संबंधी परेशानियों को दूर किया जा सकता है।
आप बहुत धन कमाते है और फिर भी बचत नहीं होती है तो यह उपाय करें आप अपने हस्ताक्षर के नीचे पूरी लाईन खीचें तथा उसके नीचे दो बिंदू बना दें, इन बिंदुओं का धन बढऩे के साथ बढ़ाते रहें। याद रखें अधिकतम छ: बिंदू लगाने जा सकते हैं। माता-पिता से नित्य पैर छूकर आशीर्वाद लें। सभी का सम्मान करें।
हस्ताक्षर आपके व्यक्तित्व को प्रदर्शित करते हैं। इसी वजह से इस संबंध में पूरी सावधानी रखनी चाहिए। धन बढ़ाने के लिए ऊपर बताई गई बातों को अपनाएं। कुछ ही समय में आप सकारात्मक परिणाम अवश्य प्राप्त करेंगे।
Friday, February 3, 2012

हर दिन बोलें ये मात्र 12 अक्षरी गणेश मंत्र

हर इंसान दैनिक जीवन में सुख-सफलता से जुड़े अनेक कामों व मकसद में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करता है। किंतु अनेक अवसरों पर क्षणिक स्वार्थ, लालसा या मन की चंचलता से पैदा बुद्धि दोष न केवल अपयश देकर सफलता से वंचित करता है, बल्कि मकसद पूरा करने में भी रोड़ा बन जाता है।
ऐसे दोष, विकारों से मुक्त होकर यशस्वी व सफल बने रहने के लिए ही मंगलमूर्ति श्री गणेश की उपासना का महत्व बताया गया है। क्योंकि श्री गणेश बुद्धिदाता, विघ्रविनाशक देवता माने जाते हैं। इसलिए किसी भी कार्य, नौकरी, परीक्षा व लक्ष्य में सफलता व बेहतर नतीजों को पाने के लिए शास्त्रों में हर दिन यहां बताए जा रहे मात्र 12 अक्षरी गणेश मंत्र के स्मरण का महत्व बताया गया है।
जानिए यह मंगलकारी व आसान गणेश मंत्र व सरल गणेश पूजा विधि -
- सुबह स्नान के बाद श्री गणेश की मूर्ति को भी पंचामृत स्नान के बाद सिंदूर, अक्षत, दूर्वा, पीला वस्त्र और भोग में मोदक या लड्डू अर्पित करें। वह पीले आसन पर बैठ मूंगे की माला से इस गणेश मंत्र का काम व लक्ष्य विशेष में सफलता की कामना से कम से कम 108 बार यथाशक्ति जप करें। आखिर में श्री गणेश की पूजा धूप, दीप व कर्पूर आरती करें -
ॐ नमो भगवते गजाननाय
- किसी परेशानी या अचानक आए संकट की घड़ी में भी इस मंत्र का मन ही मन ध्यान भी अनिष्ट व अशुभ प्रभावों से रक्षा करने वाला माना गया है।

शत्रु नहीं कर पाएंगे आपका नुकसान

जीवन में दोस्त भी होते हैं और दुश्मन भी। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके दुश्मन कहीं अधिक होते हैं। ऐसे में उन्हें हर समय दुश्मनों का डर सताता रहता है। अगर आप भी अपने दुश्मनों से परेशान हैं और चाहते हैं कि वे आपका नुकसान नहीं कर पाएं तो नीचे लिखे बगलामुखी मंत्र का विधि-विधान पूर्वक जप करें-
ऊँ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय।
जिह्वाम् कीलाय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ स्वाहा।।

जप विधि
- अमावस्या के दिन सुबह रात में करीब 11 बजे नहाकर व साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले मां बगलामुखी की पूजा करें।
- माता बगलामुखी को लाल वस्त्र, लाल सिंदूर, लाल फूल, चंदन, केसर व  मिठाई अर्पित करें।
- इसके बाद एकांत में कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष के मोतियों की माला से इस मंत्र का जप करें।
- प्रति अमावस्या पर इस मंत्र की 11 माला जप करने से अति शीघ्र आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा।

हनुमान पूजा फटाफट देगी मनचाही सफलता

मन, शरीर और विचारों के साथ जीवन और कार्य के प्रति सत्य व समर्पण की भावना मजबूत बनाने के लिये शनिवार, मंगलवार, पूर्णिमा या हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसरों पर हनुमान उपासना बहुत शुभ फल देने वाली मानी गई है।
अगर आप भी सफलता और सुख की हर चाहत को पूरा करना चाहते हैं, तो हर कलह व दोषों को दूर करने के लिये यहां बताया जा रहा हनुमान उपासना का सरल उपाय विशेष मंत्र बोलते हुए करें -
- श्री हनुमान की पूजा तन, मन, वचन में पूरी पवित्रता के साथ घर या देवालय में करें।
- श्री हनुमान की पूजा में कुमकुम, अक्षत, फूल, नारियल, लाल वस्त्र और लाल लंगोट के साथ ही विशेष रूप से सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाने का महत्व है।
- श्री हनुमान की ऐसी प्रतिमा जिस पर सिंदूर का चोला चढ़ा हो, पर पवित्र जल से स्नान कराएं। इसके बाद सभी पूजा सामग्री अर्पण कर इस विशेष मंत्र से थोड़ा सा चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा तेल लगाकर उस पर सिंदूर का चोला चढ़ा दें - 
सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।
- हनुमान चालीसा पाठ करें या सुनें। इसके बाद गुग्गल धूप व तेल के दीप से श्री हनुमान की आरती करें व दु:खों की मार से रक्षा की प्रार्थना करें। 
श्री हनुमान की ऐसी उपासना नियमित रूप से भी करें तो शांत मन से पैदा ईश्वर व खुद के प्रति विश्वास व्यावहारिक रूप से मनचाही सफलता व यश दिलाने वाला साबित होगा।

शुक्रवार को श्रीसूक्त बोल करें लक्ष्मी का ध्यान

जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए धन की अहम भूमिका होती है। यही कारण है कि चाहे अमीर हो या गरीब इंसान धन अर्जित करने और बढ़ाने की जद्दोजहद करते हैं। धर्म के नजरिए से भी जन्म से लेकर मृत्यु तक धन शारीरिक, मानसिक और वैचारिक स्वास्थ्य को नियत करने वाला होता है। 
सुखी-शांति व समृद्ध जीवन की कामना से ही धार्मिक परंपराओं में शक्ति उपासना द्वारा धन बाधा को दूर करने के उपाय बताए गए हैं। जिनमें महालक्ष्मी की उपासना धन और ऐश्वर्य देने वाली मानी गई है। देवी और महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए ही शास्त्रों में शुक्रवार, नवरात्रि या हर दिन भी श्रीसूक्त का पाठ बड़ा शुभ माना गया है।
अगर आप भी धन कामनापूर्ति या किसी परेशानियों से छुटकारा चाहते हैं तो देवी की पूजा, आरती के दौरान इस श्रीसूक्त का पाठ करें या किसी विद्वान ब्राह्मण से कराएं -
हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् । चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो ममावह ।1।
तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् । यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ।2।
अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम् श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ।3।
कांसोस्मि तां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् । पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वये श्रियम् ।4।
चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलंतीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् । तां पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।5।
आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः । तस्य फलानि तपसानुदन्तुमायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।6।
उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह । प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेस्मिन्कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।7।
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् । अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुदमे गृहात् ।8।
गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम् । ईश्वरीं सर्वभूतानां तामिहोपह्वये श्रियम् ।9।
मनसः काममाकूतिंवाचः सत्यमशीमहि। पशूनां रूपमन्नस्य मयि श्रीः श्रयतां यशः ।10।
कर्दमेन प्रजाभूतामयि सम्भवकर्दम। श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।11।
आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीतवसमे गृहे। निचदेवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।12।
आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम्। सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ।13।
आर्द्रां यःकरिणीं यष्टिं पिङ्गलां पद्ममालिनीम्। चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ।14।
तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्। यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावोदास्योश्वान्विन्देयं पुरुषानहम् ।15।
यः शुचिः प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम्। सूक्तं पञ्चदशर्चं च श्रीकामः सततं जपेत् ।16।
पद्मानने पद्म ऊरू पद्माक्षी पद्मसम्भवे। तन्मेभजसि पद्माक्षी येन सौख्यं लभाम्यहम् ।17।
अश्वदायी गोदायी धनदायी महाधने। धनं मे जुषतां देवि सर्वकामांश्च देहि मे ।18।
पद्मानने पद्मविपद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि। विश्वप्रिये विश्वमनोनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि संनिधत्स्व ।19।
पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम्। प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे ।20।
धनमग्निर्धनं वायुर्धनं सूर्यो धनं वसुः। धनमिन्द्रो बृहस्पतिर्वरुणं धनमस्तु ते ।21।
वैनतेय सोमं पिब सोमं पिबतु वृत्रहा। सोमं धनस्य सोमिनो मह्यं ददातु सोमिनः ।23।
न क्रोधो न च मात्सर्यं न लोभो नाशुभा मतिः। भवन्ति कृतपुण्यानां भक्तानां श्रीसूक्तं जपेत् ।24।
सरसिजनिलये सरोजहस्ते धवलतरांशुकगन्धमाल्यशोभे। भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम् ।25।
विष्णुपत्नीं क्षमादेवीं माधवीं माधवप्रियाम्। लक्ष्मीं प्रियसखीं देवीं नमाम्यच्युतवल्लभाम् ।26।
महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नी च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ।27।
श्रीवर्चस्वमायुष्यमारोग्यमाविधाच्छोभमानं महीयते। धान्यं धनं पशुं बहुपुत्रलाभं शतसंवत्सरं दीर्घमायुः ।28।

ऐसे पूजा करने से रुठ जाती हैं महालक्ष्मी

शास्त्रों में कई ऐसे कार्य बताए गए हैं जिन्हें करने पर देवी-देवताओं का क्रोध झेलना पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति से भगवान क्रोधित हो जाते हैं तो उसे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। देवी-देवताओं में धन की देवी महालक्ष्मी का महत्वपूर्ण स्थान है। इनकी कृपा के बिना कोई भी व्यक्ति जीवन में सुख की कल्पना भी नहीं कर सकता है।
महालक्ष्मी के रुठ जाने पर व्यक्ति को पैसों की तंगी झेलना पड़ती है। ऐसे में लाख मेहनत करने के बाद भी उचित धन प्राप्त नहीं हो पाता है। यदि व्यक्ति पहले से ही धनी हो और उससे लक्ष्मीजी रुठ जाए तो उसका समस्त धन भी नष्ट हो सकता है। अत: शास्त्रों द्वारा वर्जित कार्य हमें नहीं करना चाहिए।
महालक्ष्मी को क्रोधित करने वाले कार्यों में प्रमुख है झूठे हाथों से देवी-देवताओं की प्रतिमा या चित्रों को छूना। यदि कोई व्यक्ति कुछ खाने के बाद झूठे हाथों से ही भगवान को स्पर्श करता है तो उसे देवी-देवताओं का कोप सहना पड़ता है। घर की बरकत चली जाती है। कड़ी मेहनत के बाद भी व्यक्ति के पास पैसा नहीं आता। इसके अलावा पर्स में रखा पैसा भी अनावश्यक कार्यों में तुरंत ही खर्च होने लगता। अत: इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी परिस्थिति में झूठे हाथों से भगवान को स्पर्श न करें। भगवान के सामने जाने से पहले पूरी तरह पवित्र होकर ही जाना चाहिए। प्रसाद ग्रहण करने के बाद तुरंत हाथ धो लेना चाहिए।

घर व नौकरी से जुड़ा हर काम होगा सफल

भगवान विष्णु जगतपालक के रूप में पूजनीय है। दरअसल, विष्णु का स्वरूप, चरित्र व गुण जिम्मेदारियों को उठाने व सफलतापूर्वक पूरा करने की प्रेरणा देते हैं।
शेषशायी भगवान विष्णु के स्वरूप पर भी गौर करें तो जहां वे तामस रूप शेषनाग पर शयन करते हैं तो वहीं उनकी नाभि से प्रकट हुए रजोगुणी स्वरूप ब्रह्मदेव के दर्शन होते हैं। स्वयं विष्णु सत् गुणी व पालक स्वरूप हैं। इस तरह यह तामसी व राजसी वृत्तियों पर सत् गुणों से संतुलन व नियंत्रण की सीख है।
इसी से प्रेरणा लेकर व्यावहारिक जीवन में भी घर या नौकरी के दायित्वों को पूरा करने के लिए व्यक्ति, वक्त, स्थिति व पद के मुताबिक स्वभाव व व्यवहार को ढालकर कर हर काम में सुख-सफलता पाना संभव बनाया जा सकता है।
ऐसी ही भाव से विष्णु उपासना की शुभ तिथि एकादशी व शुक्रवार के संयोग में नीचे लिखे भगवान विष्णु की पूजा कर नीचे लिखा यह विष्णु मंत्र बोलें -
- स्नान के बाद यथासंभव पीले वस्त्र पहनें। पीले आसन पर बैठ भगवान विष्णु की प्रतिमा को पवित्र जल या पंचामृत से स्नान कराने के बाद पीला चंदन, पीले फूल, पीले रेशमी वस्त्र, पीले रंग की मिठाई, दूध या मक्खन से बनी मिठाई का भोग लगाकर पूजा करें। नीचे लिखे मंत्र का स्मरण कर चंदन धूप व गाय के घी का दीप लगा आरती करें व सफल व यशस्वी जीवन की कामना करें -
भक्तस्तुतो भक्तपर: कीर्तिद: कीर्तिवर्धन:।
कीर्तिर्दीप्ति: क्षमाकान्तिर्भक्तश्चैव दया परा।।

मनोकामना पूर्ति के लिए किस देवता को कौन सा फूल चढ़ाएं

हिंदू धर्म में विभिन्न धार्मिक कर्म-कांडों में फूलों का विशेष महत्व है। धार्मिक अनुष्ठान, पूजन, आरती आदि कार्य बिना पुष्प के अधूरे ही माने जाते हैं। कुछ फूल होते हैं जो देवताओं को विशेष प्रिय होते हैं। कौन से भगवान की पूजा किस फूल से करें, इसके बारे में यहां संक्षिप्त जानकारी दी जा रही है। इन फूलों को चढ़ाने से आपकी हर मनोकामना शीघ्र ही पूरी हो जाती है-
श्रीगणेश- आचार भूषण ग्रंथानुसार भगवान श्रीगणेश को तुलसीदल को छोड़कर सभी प्रकार के फूल चढ़ाए जा सकते हैं।
शंकरजी- भगवान शंकर को धतूरे के पुष्प, हरसिंगार, व नागकेसर के सफेद पुष्प, सूखे कमल गट्टे, कनेर, कुसुम, आक, कुश आदि के पुष्प चढ़ाने का विधान है।
सूर्य नारायण- इनकी उपासना कुटज के पुष्पों से की जाती है। इसके अलावा कनेर, कमल, चंपा, पलाश, आक, अशोक आदि के पुष्प भी प्रिय हैं।
भगवती गौरी- शंकर भगवान को चढऩे वाले पुष्प मां भगवती को भी प्रिय हैं। इसके अलावा बेला, सफेद कमल, पलाश, चंपा के फूल भी चढ़ाए जा सकते हैं।
श्रीकृष्ण- अपने प्रिय पुष्पों का उल्लेख महाभारत में युधिष्ठिर से करते हुए श्रीकृष्ण कहते हैं- मुझे कुमुद, करवरी, चणक, मालती, नंदिक, पलाश व वनमाला के फूल प्रिय हैं।
लक्ष्मीजी- इनका सबसे अधिक प्रिय पुष्प कमल है।
विष्णुजी- इन्हें कमल, मौलसिरी, जूही, कदम्ब, केवड़ा, चमेली, अशोक, मालती, वासंती, चंपा, वैजयंती के पुष्प विशेष प्रिय हैं।
किसी भी देवता के पूजन में केतकी के पुष्प नहीं चढ़ाए जाते।

छोटे से फूल का रामबाण प्रयोग

गुड़हल की कुछ प्रजातियों को उनके सुन्दर फूलों के लिए उगाया जाता है। ये फूल गणेशजी और देवी के प्रिय माने जाते हैं। दक्षिण भारत के मूल निवासी गुड़हल के फूलों का इस्तेमाल बालों की देखभाल के लिए करते हैं। भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार सफेद गुड़हल की जड़ों को पीस कर कई दवाएं बनाई जाती हैं। मेक्सिको में गुड़हल के सूखे फूलों को उबालकर बनाया गया पेय एगुआ डे जमाईका अपने रंग और तीखे स्वाद के लिये काफी लोकप्रिय है। आयुर्वेद में इस फूल के कई प्रयोग बताएं गए हैं आज हम भी आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही प्रयोग जिन्हें आजमाकर आप भी लाभ उठा सकते हैं।
- गुड़हल का शर्बत हृदय व मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है तथा ज्वर व प्रदर में भी लाभकारी होता है। यह शर्बत बनाने के लिए गुड़हल के सौ फूल लेकर कांच के पात्र में डालकर इसमें 20 नीबू का रस डालें व ढक दें। रात भर बंद रखने के बाद प्रात: इसे हाथ से मसलकर कपड़े से इस रस को छान लें। इसमें 80 ग्राम मिश्री, 20 ग्राम गुले गाजबान का अर्क, 20 ग्राम अनार का रस, 20 ग्राम संतरे का रस मिलाकर मंद आंच पर पका लें। चाशनी शर्बत जैसी हो जाए तो उतारकर दो रत्ती कस्तूरी, थोड़ा अम्बर, और केसर व गुलाब का अर्क मिलाएं।
- मुंह के छाले में गुड़हल के पत्ते चबाने से लाभ होता है।
- मैथीदाना, गुड़हल और बेर की पत्तियां पीसकर पेस्ट बना लें। इसे 15 मिनट तक बालों में लगाएं। इससे आपके बालों की जड़ें मजबूत होंगी और स्वस्थ भी।
- केश काला करने के लिए भृंगराज के पुष्प व गुड़हल के पुष्प भेड़ के दूध में पीसकर लोहे के पात्र में भरना चाहिए। सात दिन बाद इसे निकालकर भृंगराज के पंचाग के रस में मिलाकर गर्म कर रात को बालों पर लगाकर कपड़ा बांधना चाहिए। प्रात: सिर धोने से बाल काले हो जाते हैं।
- सतावरी के कंद का पावडर बनाकर आधा चम्मच दूध के साथ नियमित लें, इससे कैल्शियम की कमी नहीं होगी।
- गुड़हल के लाल फूल की 25 पत्तियां नियमित खाएं। ये डायबिटीज का पक्का इलाज है।
- 100 ग्राम, सतावरी पावडर- 100 ग्राम, शंखपुष्पी पावडर-100 ग्राम, ब्राह्मी पावडर- 50 ग्राम मिलाकर शहद या दूध के साथ लेने से बच्चों की बुद्धि तीव्र होती है।

तीन अंगुलियों को आपस में ऐसे मिलाने से दिमाग तलवार से भी तेज चलने लगेगा

जब मानसिक तनाव बढ़ता है तो हमारा दिमाग उस उलझन में ठीक से सोच नहीं पाता और हम ठीक से निर्णय नहीं ले पाते। ऐसे में हमेशा डर बना रहता है कि हम कोई गलत निर्णय ना ले ले। इस डर से बचने का एक ही उपाय है कि हमारा दिमाग ठीक से कार्य करें। दिमाग को ठीक से चलाने के लिए प्रतिदिन सुबह-सुबह ज्ञान मुद्रा में बैठें। ज्ञान मुद्रा की मदद से हमारा दिमाग दौडऩे लगेगा। इस मुद्रा से हमारे दिमाग को सही चेतना मिलेगी और वह अच्छे से कार्य करेगा।

ज्ञान मुद्रा बनाने की विधि- किसी शांत और शुद्ध वातावरण वाले स्थान पर कंबल आदि बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अब अपने दोनो हाथों को घुटनों पर रख लें। अंगूठे के पास वाली तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) के ऊपर के पोर को अंगूठे के ऊपर वाले पोर से मिलाकर हल्का सा दबाव दें। हाथ की बाकी की तीनों उंगलियां बिल्कुल एक साथ लगी हुई और सीधी रहनी चाहिए। अंगूठे और तर्जनी उंगली के मिलने से जो मुद्रा बनती है उसे ही ज्ञान मुद्रा कहतें है। ध्यान लगाते समय सबसे ज्यादा ज्ञान मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता है।

इस मंत्र से करें यह छोटा-सा उपाय..तो शनि खोल देंगे भाग्य का द्वार

शास्त्र कहते हैं कि अगर इंसान शनि दशा या दैनिक जीवन में अच्छे कर्म, आचरण व व्यवहार करे तो बुरा वक्त माने जाने वाली शनि की दशा बेहाल न कर खुशहाल व भाग्यवान बना देती है। क्योंकि शनिदेवी की क्रूरता के पीछे भी अन्याय, बुराई व दुर्गुणों का अंत मुख्य लक्ष्य है, जिसे सांसारिक प्राणी शनि की अनेक दशा व स्थिति में भोगते हैं।
शनि दशाओं या अनिष्ट प्रभाव से बचने के लिए ही पुण्य कर्मों में पूजा-उपासना के अलावा सरल उपायों में दान का महत्व बताया गया है।
शनि कृपा के लिए ही दान में शनि को ही प्रिय लगने वाली चीजों के दान विशेष मंत्र से करने का महत्व बताया गया है। इससे शनि दोष शांत हो जाते हैं। जानते हैं यह शनि मंत्र और दान वस्तुएं -
- शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा-उपासना के बाद मृत्युतुल्य कष्टों व परेशानियों को दूर करने के लिए लोहा, तेल, कंबल, उड़द की काली दाल, नीलम रत्न, सोना, नीले फूल, नमक, छाता, चमड़े के जूते-चप्पल या भैंस या गाय-बछड़े का दान किसी भी योग्य ब्राह्मण को नीचे लिखा मंत्र बोलते हुए करें -
शनैश्चरप्रीतिकरं दानं पीड़ा-निवारकम्।
सर्वापत्ति विनाशाय द्विजाग्रयाय ददाम्यहम्।।
- दान के साथ 1 या यथाशक्ति संख्या में ब्राह्मणों को भोजन कराएं व दक्षिणा दें।
Wednesday, January 25, 2012

ये काला धागा कुछ ही दिनों में चमका देगा आपकी किस्मत और कर देगा मालामाल

अगर आप मालामाल होना चाहते हैं तो काले धागे का ये आसान प्रयोग करें, इससे आपकी किस्मत भी बदल जाएगी।

जब भी हमारे खुशियां दुख में बदल जाए या हमेशा प्राप्त होने वाला धन लाभ अचानक हानि में बदल जाए या परिवार का आपसी तालमेल बिगड़ जाए इसी प्रकार की घटनाएं होने लगे तक संभव है कि आपको या आपके परिवार या आपकी जॉब या व्यवसाय को किसी की बुरी नजर लगी हो। इससे बचने के लिए ज्योतिष में कई तरीके बताए गए हैं। जैसे छोटे बच्चों या लड़कियों की सुंदरता को किसी भी बुरी नजर न लगे इसके लिए उन्हें काला टीका लगाना चाहिए।

किस्मत और पैसों के लिए रेशमी या सूती काला धागा बाजार से लेकर आएं और मंगलवार के दिन शाम को ये धागा हनुमान मंदिर लेकर जाएं। इस धागे में नौ छोटी-छोटी गांठ बांध लें। इस धागे पर हनुमान जी के पैरों का सिंदूर लगा लें। इस धागे को अपने घर के मेन दरवाजे पर बांध दें या तिजोरी पर बांध दें। इससे आपके घर में पैसों की आवक बढ़ जाएगी। ऐसे धागे से आपकी किस्मत जरूर बदल जाएगी।
Thursday, January 19, 2012

धनवान बनना चाहते हैं तो ये है सबसे आसान टोटका

दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जो टोने-टोटकों के माध्यम से नहीं किया जा सकता है। ऐसा तंत्र शास्त्र में लिखा है। इस शास्त्र के स्वामी स्वयं भगवान शिव हैं। टोने-टोटकों से धन संबंधी समस्या भी आसानी से दूर की जा सकती है। इसके प्रभाव गरीब भी धनवान सकता है। यदि आप भी धनवान बनना चाहते हैं तो यह टोटका करें।

टोटका

जिस समय कृष्ण पक्ष में भरणी नक्षत्र का योग हो उस दिन जल से भरे हुए चार कलश लेकर वन में जाएं और वहां उन कलशों को एकांत में रखकर चुपचाप चले आएं। फिर दूसरे दिन जाकर जो कलश खाली मिले उसे घर में ले आएं। शेष को वहीं छोड़ दें। खाली कलश को घर के एकांत कोने में रखकर प्रतिदिन उठकर पूजा करें तो उस व्यक्ति पर लक्ष्मी प्रसन्न होकर उसी के घर में निवास करती हैं।

यह मंत्र बोल करें साईं को याद..फौरन पूरे होने लगेंगे अटके काम

शास्त्रों के मुताबिक ईश्वर का ज्ञान स्वरूप व शक्ति गुरु के रूप पूजनीय है। क्योंकि गुरु से मिला ज्ञान, शिक्षा, सत्य, प्रेरणा व शक्ति ही पूर्ण व कुशल बनाती है। इसलिए गुरु सेवा, भक्ति या स्मरण मात्र से जागा बुद्धि और विवेक जीवन की तमाम परेशानियों से उबारने वाला माना गया है।

धर्म परंपराओं में त्याग, तप, ज्ञान व प्रेम की साक्षात् मूर्ति साईं बाबा भी ऐसे ही जगतगुरु के रूप में पूजनीय है, जिनका ध्यान व दर्शन मात्र भी सारे दु:ख, संकट, परेशानियों व बाधाओं को टालने व खत्म करने वाला माना गया है।

साईं बाबा व उनके उपदेशों का स्मरण ईर्ष्या, द्वेष, स्वार्थ, कलह जैसे सारे बुरे भावों को दूर कर हर काम व कामना को पूरा करना आसान बना देता है। इसी कड़ी में हिन्दू मान्यताओं में गुरु उपासना के विशेष दिन साईं बाबा के सामने शास्त्रों में बताया एक विशेष गुरु मंत्र का ध्यान मनचाहे कामों में आ रही बाधा को दूर करने वाला माना गया है। जानिए यह विशेष मंत्र -

- गुरुवार को साईं बाबा की प्रतिमा या तस्वीर को चंदन, अक्षत, फूल, प्रसाद अर्पित कर धूप व दीप जलाकर नीचे लिखा गुरु मंत्र बोलें और सुख-सफलता की मुरादें मांग आरती करें-

नमो गुरुभ्यो गुरुपादुकाभ्यो नमः परेभ्यः परपादुकाभ्यः।

आचार्यसिद्धेश्वरपादुकाभ्यो नमोऽस्तु लक्ष्मीपतिपादुकाभ्यः।।

इन उपायों से बढऩे लगेगी आपकी इंकम

सभी की आमदनी एक जैसी नहीं होती। किसी की अधिक होती है और किसी की कम। कई बार ऐसा भी होता है कि समान रूप से काम करने से बाद भी योग्य व्यक्ति को कम वेतन मिलता है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी आमदनी में वृद्धि हो तो नीचे लिखा उपाय करन से आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती है।

उपाय

पीले वस्त्र पर सात अभिमंत्रित गोमती चक्र, तीन लघु नारियल एवं एक मोती शंख में चांदी का सिक्का डालकर रखें फिर नीचे लिखे मंत्र की एक माला जप करते हुए थोड़े-थोड़े चावल शंख में डालते जाएं।

मंत्र- ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं

मंत्र जप के बाद शंख में भरे चावल व अन्य सामग्री को उसी पीले कपड़े में बांधकर द्वार पर लटका दें। इससे धन आगमन के रास्त खुलेंगे और घर के सदस्यों की आय में वृद्धि होने लगेगी।

बिगड़े काम व किस्मत बनाएं गुरु दोष शांति का यह बेहद सरल उपाय

शास्त्रों के मुताबिक गुरु बृहस्पति इंसान के जीवन में गुरु, बुद्धि, ज्ञान, शिक्षा, समृद्धि, संतान व जीवनसाथी सहित अनेक भौतिक सुख नियत करने वाले होते हैं। यही कारण है कि सांसारिक जीवन की ऐसी ही कामनाओं को पूरी करने के लिए गुरुवार को गुरु बृहस्पति की उपासना का महत्व बताया गया है।

अगर आप भी शिक्षा, सही मार्गदर्शन, मानसिक अशांति, पैसों या साधनों की कमी, स्वास्थ्य समस्या के कारण असफलता से जूझ रहें हैं और बिगड़े कामों व कमियों को पूरा करने के लिए गुरु बृहस्पति की उपासना के लिए वक्त निकालने में असमर्थ हैं तो यहां गुरु दोष शांति का ऐसा उपाय बताया जा रहा है, जिसे चलते-फिरते या दिनचर्या के दौरान अपनाकर सुख-शांति और वैभव पा सकते हैं।

गुरु बृहस्पति की कृपा या गुरु दोष शांति का यह सरल उपाय है, यहां बताई जा रही पीली सामग्रियों का दान, जो मात्रा में सवा किलो से सवा पाव या यथाशक्ति भी दान की जा सकती है -

- गुड़,

- चने की दाल,

- केले,

- पीले फूल,

- चन्दन या कपड़े,

- हल्दी,

- पीले रंग की मिठाई 

- गाय का घी

हर रोज बोलें यह देवी मंत्र..होगी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की व कमाई

दुर्गा उपासना मानसिक, शारीरिक या आत्मिक शक्तियों को पहचान व एकजुट कर समस्त सांसारिक, आध्यात्मिक सुखों को पाने की प्रेरणा है। सांसारिक जीवन में धन भी शक्ति संपन्न बनने का एक अहम जरिया माना जाता है। इसलिए धनवान हो या निर्धन हर इंसान अधिक से अधिक धन लाभ के साथ तरक्की की चाहत रखता है।

शास्त्रों के मुताबिक देवी दुर्गा ही संसार की रचना व संहार को नियत करने वाली शक्ति है। इसलिए हर इंसान जो सुख-समृद्धि, धन व सफलता की कामना रखता है, यहां बताए जा रहे आसान देवी मंत्र से शक्ति का आवाहन हर रोज या खासतौर पर शुक्रवार को जरूर करे -

- मंत्र स्मरण के पहले स्नान कर देवी प्रतिमा या तस्वीर को लाल गंध, अक्षत, फूल व प्रसाद अर्पित कर धूप व दीप लगाएं। इसके बाद नीचे लिखा देवी मंत्र मन ही मन स्मरण कर जल्द सफलता व तरक्की की कामना करें, आरती करें, प्रसाद ग्रहण करें व कार्य पर जाएं -

सृष्टिस्थिति विनाशानां शक्तिभूते सनातनि।

गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तुते।।

इन 3 सस्ती चीजों से मान जाते हैं शनिदेव, टल जाता है बुरा समय

शनिवार, ये दिन है शनि देव का... इस दिन शनि को मनाने के लिए विशेष पूजन कर्म करने का महत्व है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में शनि की स्थिति काफी अधिक खास होती है। शनि की शुभ या अशुभ स्थिति के चलते व्यक्ति का जीवन सुखी या दुखों से पीडि़त हो सकता है। शनि का सर्वाधिक प्रभाव साढ़ेसाती और ढैय्या में ही झेलना पड़ता है। हर व्यक्ति को शनि की साढ़ेसाती अवश्य झेलना पड़ती है, इससे कोई बच नहीं सकता।

यदि शनि के कारण किसी व्यक्ति को अत्यधिक दुखों और असफलताओं का सामना करना पड़ रहा है तो शनिवार के दिन कुछ विशेष पूजन कार्य किए जाने चाहिए। शनि को मनाने के लिए यह सटीक उपाय बताया गया है, इसे प्रति शनिवार अपनाने से बहुत जल्द शुभ फल प्राप्त होने लगते हैं।

शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए शनिवार के दिन एक काले कपड़े में काले उड़द, काले तिल और लोहे की वस्तु बांध लें। शनिदेव को अर्पित करें और पूजा करें। इसके बाद किसी ब्राह्मण, किसी जरूरतमंद व्यक्ति को काले कपड़े में बंधी तीनों चीजें दान कर दें। ऐसा हर शनिवार को किया जाना चाहिए। कुछ ही दिनों में इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगेंगे।

इस टोटके से आपका हर कर्ज चुकता हो जाएगा

जीवन में कभी न कभी सभी को कर्ज लेना पड़ता है। बहुत कम ही लोग ऐसे होते हैं जिनहे कभी किसी से कर्ज नहीं लेना पड़ता। कर्ज ऐसी दलदल है जिसमें गिरने के बाद आदमी उसमें धंसता चला जाता है। यदि आप कर्ज की दलदल से बाहर निकलना चाहते हैं तो नीचे लिखे टोटके से यह संभव हो सकता है।
टोटका
खैर(कत्था) की लकड़ी के कोयले से तीन खड़ी रेखाएं भूमि पर खींचें, फिर नीचे लिखे हुए दोनों मंत्रों को पढ़ते हुए बाएं पैर की ऐड़ी से रगड़ कर मिटा दें। मंत्र इस प्रकार हैं-
दु:खदौर्भाग्यनाशाय पुत्रसन्तानहेतवे।
कृतरेखात्रयं वामपादेनैतत्प्रामाज्म्र्यहम्।।1।।
ऋणदु:खविनाशाय मनोभीप्सार्थसिद्धये।
मार्जयाम्यसितारेखास्तिस्रो जन्मत्रयोद्भवा:।।2।।

इस टोटके से आप शीघ्र ही कर्ज मुक्त हो जाएंगे।

बोलें यह बृहस्पति कवच बनेंगे राजयोग

हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक गुरु बृहस्पति विद्या, भाषा, ज्ञान द्वारा निपुण व दक्ष बनाकर शाही सम्मान, पद व प्रतिष्ठा भी नियत करने वाला होता है। अगर आप भी शासकीय पद या शिक्षा से संबंधित किसी क्षेत्र में सफलता के इच्छुक है तो शास्त्रों में बताया यह बृहस्पति कवच गुरुवार या हर रोज बोलना बहुत ही जल्द और मनचाहे फल देने वाला होगा -
- गुरु बृहस्पति की प्रतिमा की गंध, अक्षत, फूल से पूजा कर धूप व दीप जला पीले आसन पर बैठ नीचे लिखा बृहस्पति कवच बोलें -

अभीष्टफलदं देवं सर्वज्ञं सुर पूजितम्।
अक्षमालाधरं शान्तं प्रणमामि बृहस्पतिम्।।
बृहस्पति: शिर: पातु ललाटं पातु में गुरु:।
कर्णौ सुरुगुरु: पातु नेत्रे मेंभीष्टदायक:।।
जिह्वां पातु सुराचायो नासां में वेदपारग:।
मुखं मे पातु सर्वज्ञो कण्ठं मे देवता शुभप्रद:।।
भुजवाङ्गिरस: पातु करौ पातु शुभप्रद:।
स्तनौ मे पातु वागीश: कुक्षिं मे शुभलक्षण:।।
नाभिं देवगुरु: पातु मध्यं सुखप्रद:।
कटिं पातु जगदवन्द्य: ऊरू मे पातु वाक्पति:।।
जानु जङ्गे सुराचायो पादौ विश्वात्मकस्तथा।
अन्यानि यानि चाङ्गानि रक्षेन् मे सर्वतोगुरु:।।
इत्येतत कवचं दिव्यं त्रिसन्ध्यं य: पठेन्नर:।
सर्वान् कामानवाप्नोति सर्वत्र विजयी भवेत्।।

गरीब को भी मालामाल बना सकते हैं ये उपाय

जीवन की ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान तंत्र शास्त्र से नहीं किया जा सकता। ऐसा माना जाता है कि तंत्र शास्त्र के देवता भगवान शंकर है। उन्हीं की कृपा से टोने-टोटके प्रभावशाली होकर तुरंत फल प्रदान करते हैं। यदि आप धन की कमी होने के कारण परेशान हैं तो नीचे लिखे साधारण उपाय करें। धन संबंधी आपकी हर समस्या दूर हो जाएगी।
उपाय
- पुष्य नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में शंखपुष्पी की जड़ को विधिवत लेकर आएं और उसे धूप देकर भगवान शिव का ध्यान करते हुए चांदी की डिब्बी में रखें। इसे अपनी तिजोरी में रखने से आर्थिक समस्या दूर हो जाएगी।
- यदि अचानक ज्यादा खर्च की स्थिति बने तो मंगलवार के दिन हनुमानजी के मंदिर में गुड़-चने का भोग लगाएं और 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। यह प्रयोग तीन मंगलवार तक करें।
- पीपल के पत्ते पर राम लिखकर तथा कुछ मीठा रखकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं। इससे धन लाभ होने लगेगा।
Monday, January 2, 2012

अक्सर हर इंसान के जीवन में काम, हालात और स्वभाव के मुताबिक कम या ज्यादा तनाव मौजूद होता है। खासतौर पर आज के दौर में तनाव, अशांत जीवन का सबसे बड़ा कारण है। जिसकी जड़ में मन पर जरूरतों, इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं का हावी होना भी है।

ऐसे ही तनाव व उससे पैदा बेचैनी को दूर रखने के लिए यहां एक आसान उपाय बताया जा रहा है। जिससे आप न केवल तनाव पर काबू कर पाएंगे, बल्कि उससे पैदा हुए रोगों पर काबू पाकर जीवन को सुखी और शांत बनाने में भी सफल होंगे।

हिन्दू धर्मशास्त्रों में एक ऐसा अक्षर बताया गया है, जो ईश्वर का ही साक्षात् रूप माना जाता है और मंत्र भी। यह चमत्कारी अक्षर है - प्रणव यानी ॐ। यह एकाक्षर ब्रह्म भी कहलाता है। धार्मिक मान्यताओं में प्रणव मंत्र में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और शिव की सामूहिक शक्ति समाई है। यह गायत्री और वेद रूपी ज्ञान शक्ति का भी स्त्रोत माना गया है।

इसी कारण मान्यता है कि प्रणय यानी ॐ बोलने या ध्यान से शरीर, मन और विचारों पर शुभ प्रभाव होता है। वैज्ञानिक नजरिए से भी प्रणव मंत्र यानी ॐ बोलते वक्त पैदा हुई शब्द शक्ति और ऊर्जा के साथ शरीर के अंगों जैसे मुंह, नाक, गले और फेफड़ो से आने-जाने वाली शुद्ध वायु मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए जरूरी अनेक हार्मोन और खून के दबाव को नियंत्रित करती है।

इसके असर से मन-मस्तिष्क् शांत रहने के साथ ही खून के भी स्वच्छ होने से दिल भी सेहतमंद रहता है। जिससे मानसिक एकाग्रता व कार्य क्षमता बढ़ती है। व्यक्ति मानसिक और दिल की बीमारियों से मुक्त रहता है।

यह मंत्र आप घर या देवालय में विशेष देवता या इष्टदेव के मंत्र के साथ जप में, कार्यालय या आफिस जाते वक्त निजी वाहन में बैठकर मन ही मन यथाशक्ति बोलें। दूसरों की असुविधा का ख्याल रखते हुए उचित स्थान पर जोर से भी बोलना फायदेमंद होता है। इस मंत्र के दौरान मन में पवित्र भाव से इष्ट का ध्यान करते हुए बुद्धि की शुद्धि की कामना करें। 

अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है पर्याप्त नींद...

अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है पर्याप्त नींद। स्वस्थ जीवन के कम से कम 6 घंटे की प्रतिदिन लेना आवश्यक है। अन्यथा आलस्य बना रहता है और बीमारियां होने की संभावनाएं बनती हैं। नींद पूरी न होने के पीछे कारण हो सकते हैं। इन कारणों में से एक है बुरे या डरावने सपने आना।

यदि किसी व्यक्ति को बुरे या भयानक सपने दिखाई देते हैं जिनकी वजह से नींद खुल जाती है तो निश्चित ही यह स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इस अवस्था से बचने के लिए ज्योतिष के अनुसार एक टोटका या उपाय बताया गया है। इसके अनुसार रात को सोते समय या नींद में सपने देखकर यदि भय लगता हो तो पंलग के नीचे रोटी बनाने के तवा को उल्टा करके रख दें। इस उपाय से निश्चित ही बुरे सपने आना बंद हो जाएंगे। पलंग के नीचे तवा रखने से हमारे आसपास के वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा निष्क्रिय हो जाती है। इसी नकारात्मक ऊर्जा की वजह से बुरे सपने दिखाई देते हैं। इन बुरी शक्तियां के प्रभाव में होने से हमारा दिमाग इस प्रकार की बातों को ही सोचता है। पलंग के नीचे तवा रखने पर इन विचारों पर विराम लगता है और नींद अच्छी आती है।

इसके साथ ही रात को सोते समय भगवान या इष्ट देवता का नाम लेकर सोना चाहिए। इस उपाय से भी बुरे सपने आना बंद हो जाते हैं और नींद अच्छी आती है।

काला कुत्ता 20 दिन में सचमुच बदल देगा आपकी किस्मत

आपको यकीन नहीं होगा लेकिन ये सच है कि एक काला कुत्ता आपकी किस्मत आसानी से बदल देगा। इसके लिए बस आप काले कुत्ते को रोज सुबह-शाम रोटी दें। कुत्ता काला होना चाहिए लेकिन इस बात का घ्यान रखें कि उस कुत्ते के नाखुनों की संख्या 22 या इससे ज्यादा होनी चाहिए। इतने नाखुनों वाला कुत्ता केतु का रूप माना जाता है। ऐसा कुत्ता ही आपकी किस्मत बदल सकता है।
- ऐसे कुत्ते को सुबह शाम रोटी देने से आपका रूका हुआ पैसा वापस आने लग जाता है।
- अचानक आने वाले संकट से भी ऐसा काला कुत्ता ही बचाता है।
- ऐसा काला कुत्ता आप पर आने वाला संकट अपने उपर ले लेता है।
- ऐसा काला कुत्ता आपकी आर्थिक तंगी दूर कर देता है।
- पेट की बीमारियां, जोडों के दर्द और अन्य बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।
- प्रेत बाधा से मुक्ति पाने के लिए ये काला कुत्ता ही मददगार होता है।
- अगर आप रोज सुबह-शाम ऐसे काले कुत्ते को रोटी दे तो जल्दी ही कर्ज से मुक्ति भी मिल जाती है।
- बिजनेस और कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति के लिए ऐसा कुत्ता ही मददगार होता है।