About Me

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हर जगह ये पूछा जाता है कि अपने बारे मे बताइए (About me), हम ये सोचते है की जो हमें जानते है उन्हें अपने बारे मे बताना ग़लत होगा क्योंकि वो हमें जानते है और जो हमें नही जानते उन्हे हम बता कर क्या करेंगे की हम कौन है | जो हमें नही जानता क्या वो वाकई हमें जानना चाहता है और अगर जानना चाहता है तो उसे About me से हम क्या बताये क्योंकि हम समझते है बातचीत और मिलते रहने से आप एक दूसरे को बेहतर समझ सकते हो About Me से नही | वैसे एक बात और है हम अपने बारे मे बता भी नही सकते है क्योंकि हमें खुद नही पता की हम क्या है ? हम आज भी अपने आप की तलाश कर रहे है और आज तक ये नही जान पायें हैं की हम क्या है? अब तक का जीवन तो ये जानने मे ही बीत गया है की हमारे आस पास कौन अपना है और कौन पराया ? ये जीवन एक प्रश्न सा ज़रूर लगता है और इस प्रश्न को सुलझाने मे हम कभी ये नही सोच पाते है की हम कौन है? कुछ बातें सीखने को भी मिली जैसे आपका वजूद आपके स्वभाव या चरित्र से नही बल्कि आपके पास कितने पैसे है उससे निर्धारित होता है | कुछ लोग मिले जो कहते थे की वो रिश्तों को ज़्यादा अहमियत देते है लेकिन अंतत: ... बहुत कुछ है मन मे लिखने के लिए लेकिन कुछ बातें या यू कहें कुछ यादें आ जाती है और मन खट्टा कर जाती है तो कुछ लिख नही पाते हैं |

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Friday, February 3, 2012

हनुमान पूजा फटाफट देगी मनचाही सफलता

मन, शरीर और विचारों के साथ जीवन और कार्य के प्रति सत्य व समर्पण की भावना मजबूत बनाने के लिये शनिवार, मंगलवार, पूर्णिमा या हनुमान जन्मोत्सव के शुभ अवसरों पर हनुमान उपासना बहुत शुभ फल देने वाली मानी गई है।
अगर आप भी सफलता और सुख की हर चाहत को पूरा करना चाहते हैं, तो हर कलह व दोषों को दूर करने के लिये यहां बताया जा रहा हनुमान उपासना का सरल उपाय विशेष मंत्र बोलते हुए करें -
- श्री हनुमान की पूजा तन, मन, वचन में पूरी पवित्रता के साथ घर या देवालय में करें।
- श्री हनुमान की पूजा में कुमकुम, अक्षत, फूल, नारियल, लाल वस्त्र और लाल लंगोट के साथ ही विशेष रूप से सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाने का महत्व है।
- श्री हनुमान की ऐसी प्रतिमा जिस पर सिंदूर का चोला चढ़ा हो, पर पवित्र जल से स्नान कराएं। इसके बाद सभी पूजा सामग्री अर्पण कर इस विशेष मंत्र से थोड़ा सा चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा तेल लगाकर उस पर सिंदूर का चोला चढ़ा दें - 
सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।
- हनुमान चालीसा पाठ करें या सुनें। इसके बाद गुग्गल धूप व तेल के दीप से श्री हनुमान की आरती करें व दु:खों की मार से रक्षा की प्रार्थना करें। 
श्री हनुमान की ऐसी उपासना नियमित रूप से भी करें तो शांत मन से पैदा ईश्वर व खुद के प्रति विश्वास व्यावहारिक रूप से मनचाही सफलता व यश दिलाने वाला साबित होगा।

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