About Me

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हर जगह ये पूछा जाता है कि अपने बारे मे बताइए (About me), हम ये सोचते है की जो हमें जानते है उन्हें अपने बारे मे बताना ग़लत होगा क्योंकि वो हमें जानते है और जो हमें नही जानते उन्हे हम बता कर क्या करेंगे की हम कौन है | जो हमें नही जानता क्या वो वाकई हमें जानना चाहता है और अगर जानना चाहता है तो उसे About me से हम क्या बताये क्योंकि हम समझते है बातचीत और मिलते रहने से आप एक दूसरे को बेहतर समझ सकते हो About Me से नही | वैसे एक बात और है हम अपने बारे मे बता भी नही सकते है क्योंकि हमें खुद नही पता की हम क्या है ? हम आज भी अपने आप की तलाश कर रहे है और आज तक ये नही जान पायें हैं की हम क्या है? अब तक का जीवन तो ये जानने मे ही बीत गया है की हमारे आस पास कौन अपना है और कौन पराया ? ये जीवन एक प्रश्न सा ज़रूर लगता है और इस प्रश्न को सुलझाने मे हम कभी ये नही सोच पाते है की हम कौन है? कुछ बातें सीखने को भी मिली जैसे आपका वजूद आपके स्वभाव या चरित्र से नही बल्कि आपके पास कितने पैसे है उससे निर्धारित होता है | कुछ लोग मिले जो कहते थे की वो रिश्तों को ज़्यादा अहमियत देते है लेकिन अंतत: ... बहुत कुछ है मन मे लिखने के लिए लेकिन कुछ बातें या यू कहें कुछ यादें आ जाती है और मन खट्टा कर जाती है तो कुछ लिख नही पाते हैं |

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Saturday, September 15, 2012

जेब व तिजोरी में होगा मनचाहा पैसा

देवी लक्ष्मी अभावों का अंत करती है। जीवन में कर्म, विचार और व्यवहार भी भावों से ही नियत होते हैं। जहां बुरी सोच नारकीय जीवन की ओर ले जाती है, तो अच्छी भावना या विचार अभावों का नाश कर वैभवशाली बनाते हैं। 
भाव और वैभव द्वारा जीवन में अभावों की खाई भरने के लिए ही देवी लक्ष्मी का स्वरूप वैभव लक्ष्मी का स्मरण शुभ माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक देवी उपासना के किसी भी विशेष दिन जैसे अमावस्या, शुक्रवार, नवमी या नवरात्रि  की रात्रि में विशेष मंत्र से लक्ष्मी का ध्यान मनचाहे आनंद व समृद्धि देता है। 
फिर आज तो विष्णु भक्ति के विशेष काल अधिकमास के साथ अमावस्या का ही संयोग है। इसलिए जानिए वैभव लक्ष्मी की उपासना का आसान उपाय और मंत्र विशेष - 
- माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें। दूध के पकवानों या खीर का भोग लगाएं। 
- पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें -  
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। 
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ 
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। 
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
- इस मंत्र जप के बाद माता लक्ष्मी की गोघृत दीप से आरती करें।
- माता लक्ष्मी से क्षमा प्रार्थना करें व हर अभाव का दूर करने की कामना करें। प्रसाद ग्रहण कर घर के द्वार पर एक दीप लगाएं।