About Me

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हर जगह ये पूछा जाता है कि अपने बारे मे बताइए (About me), हम ये सोचते है की जो हमें जानते है उन्हें अपने बारे मे बताना ग़लत होगा क्योंकि वो हमें जानते है और जो हमें नही जानते उन्हे हम बता कर क्या करेंगे की हम कौन है | जो हमें नही जानता क्या वो वाकई हमें जानना चाहता है और अगर जानना चाहता है तो उसे About me से हम क्या बताये क्योंकि हम समझते है बातचीत और मिलते रहने से आप एक दूसरे को बेहतर समझ सकते हो About Me से नही | वैसे एक बात और है हम अपने बारे मे बता भी नही सकते है क्योंकि हमें खुद नही पता की हम क्या है ? हम आज भी अपने आप की तलाश कर रहे है और आज तक ये नही जान पायें हैं की हम क्या है? अब तक का जीवन तो ये जानने मे ही बीत गया है की हमारे आस पास कौन अपना है और कौन पराया ? ये जीवन एक प्रश्न सा ज़रूर लगता है और इस प्रश्न को सुलझाने मे हम कभी ये नही सोच पाते है की हम कौन है? कुछ बातें सीखने को भी मिली जैसे आपका वजूद आपके स्वभाव या चरित्र से नही बल्कि आपके पास कितने पैसे है उससे निर्धारित होता है | कुछ लोग मिले जो कहते थे की वो रिश्तों को ज़्यादा अहमियत देते है लेकिन अंतत: ... बहुत कुछ है मन मे लिखने के लिए लेकिन कुछ बातें या यू कहें कुछ यादें आ जाती है और मन खट्टा कर जाती है तो कुछ लिख नही पाते हैं |

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Tuesday, October 25, 2011

लक्ष्मी के आसान मंत्र..

जगतजननी देवी के कल्याणकारी रूपों में दशमहाविद्या की साधना व पूजा सभी भौतिक व आध्यात्मिक सुख प्रदान करने वाली मानी गई है। इन दशमहाविद्याओं में ही एक है मां कमला। शास्त्रों के मुताबिक समुद्र मंथन से प्रकट हुई कमल पर विराजित देवी लक्ष्मी का यह स्वरूप धन, धान्य व ऐश्वर्य से पूर्ण कर दरिद्रता का अंत कर देती है।

दस विद्या की साधना में पावनता, संयम व अनुशासन का बड़ा महत्व है। लेकिन दीपावली के पांच दिनों की शुभ घड़ी में कमला लक्ष्मी का आसान मंत्रों से स्मरण मात्र भी श्री संपन्न और अर्थ कामना सिद्ध करने वाला बताया गया है।

दीपपर्व के हर दिन विशेष विधि-विधान से उपासना के बाद किसी लाल आसन पर बैठ इन 11 विशेष नामों का मन ही मन स्मरण कर अंत में लाल फूल और अक्षत चढ़ाकर देवी से सुख-समृद्ध जीवन की कामना करें-

ऊँ कमलायै नम:

ऊँ महामायायै नम:

ऊँ मंङ्गलायै नम:

ऊँ महाविष्णुप्रियंकर्यै नम:

ऊँ महाशक्त्यै नम:

ऊँ वरदायै नम:

ऊँ पूर्णायै नम:

ऊँ इन्दिरायै नम:

ऊँ गोविन्दवल्लभायै नम:

ऊँ मातंङ्गायै नम:

ऊँ वेदपूजितायै नम:

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