About Me

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हर जगह ये पूछा जाता है कि अपने बारे मे बताइए (About me), हम ये सोचते है की जो हमें जानते है उन्हें अपने बारे मे बताना ग़लत होगा क्योंकि वो हमें जानते है और जो हमें नही जानते उन्हे हम बता कर क्या करेंगे की हम कौन है | जो हमें नही जानता क्या वो वाकई हमें जानना चाहता है और अगर जानना चाहता है तो उसे About me से हम क्या बताये क्योंकि हम समझते है बातचीत और मिलते रहने से आप एक दूसरे को बेहतर समझ सकते हो About Me से नही | वैसे एक बात और है हम अपने बारे मे बता भी नही सकते है क्योंकि हमें खुद नही पता की हम क्या है ? हम आज भी अपने आप की तलाश कर रहे है और आज तक ये नही जान पायें हैं की हम क्या है? अब तक का जीवन तो ये जानने मे ही बीत गया है की हमारे आस पास कौन अपना है और कौन पराया ? ये जीवन एक प्रश्न सा ज़रूर लगता है और इस प्रश्न को सुलझाने मे हम कभी ये नही सोच पाते है की हम कौन है? कुछ बातें सीखने को भी मिली जैसे आपका वजूद आपके स्वभाव या चरित्र से नही बल्कि आपके पास कितने पैसे है उससे निर्धारित होता है | कुछ लोग मिले जो कहते थे की वो रिश्तों को ज़्यादा अहमियत देते है लेकिन अंतत: ... बहुत कुछ है मन मे लिखने के लिए लेकिन कुछ बातें या यू कहें कुछ यादें आ जाती है और मन खट्टा कर जाती है तो कुछ लिख नही पाते हैं |

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Tuesday, October 25, 2011

अपनी प्लानिंग किसी को न बताए

आज के दौर जैसे-जैसे आपसी प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है ठीक उसी तरह कार्यों में सफलता पाना उतना ही अधिक मुश्किल हो गया है। इसकी वजह यह है कि किसी भी व्यक्ति की आसपास के लोगों या अन्य लोगों से उसकी प्रतिस्पर्धा का स्तर काफी अधिक बढ़ गया है। सभी चाहते है कि वे सबसे आगे रहे और इसके लिए वे कई प्रकार के प्रयास भी करते हैं। यदि आप भी सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो यह मूल मंत्र अपनाएं।

सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक जरूरी है सुव्यवस्थित योजना। इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि योजना इतनी सटीक होना चाहिए कि किसी भी बिंदू पर उसके निष्फल होने की संभावनाएं कम से कम रहे। इसके अलावा यह बात सबसे अधिक ध्यान रखने योग्य है कि अपनी योजना क्या है यह किसी अन्य व्यक्ति पर भूलकर भी जाहिर नहीं होने देना चाहिए। बुद्धिमानी इसी में है कि अपनी योजनाओं का रहस्य बनाए रखें। चुपचाप अपना काम करते रहे और आपके प्रतिस्पर्धियों को बिल्कुल समझ नहीं आना चाहिए आपकी योजना क्या है?

आचार्य चाणक्य के अनुसार इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से अपनी योजना को रहस्य बनाए रखिए और लक्ष्य की ओर चुपचाप बढ़ते रहें। अपनी योजनाएं किसी ओर पर जाहिर होने के बाद वह आपके क्षति भी पंहुचा सकते हैं और लक्ष्य तक पहुंचने में आपके लिए मुश्किल अवश्य बढ़ जाएंगी। इस बात का सदैव ध्यान रखें।

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