About Me

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हर जगह ये पूछा जाता है कि अपने बारे मे बताइए (About me), हम ये सोचते है की जो हमें जानते है उन्हें अपने बारे मे बताना ग़लत होगा क्योंकि वो हमें जानते है और जो हमें नही जानते उन्हे हम बता कर क्या करेंगे की हम कौन है | जो हमें नही जानता क्या वो वाकई हमें जानना चाहता है और अगर जानना चाहता है तो उसे About me से हम क्या बताये क्योंकि हम समझते है बातचीत और मिलते रहने से आप एक दूसरे को बेहतर समझ सकते हो About Me से नही | वैसे एक बात और है हम अपने बारे मे बता भी नही सकते है क्योंकि हमें खुद नही पता की हम क्या है ? हम आज भी अपने आप की तलाश कर रहे है और आज तक ये नही जान पायें हैं की हम क्या है? अब तक का जीवन तो ये जानने मे ही बीत गया है की हमारे आस पास कौन अपना है और कौन पराया ? ये जीवन एक प्रश्न सा ज़रूर लगता है और इस प्रश्न को सुलझाने मे हम कभी ये नही सोच पाते है की हम कौन है? कुछ बातें सीखने को भी मिली जैसे आपका वजूद आपके स्वभाव या चरित्र से नही बल्कि आपके पास कितने पैसे है उससे निर्धारित होता है | कुछ लोग मिले जो कहते थे की वो रिश्तों को ज़्यादा अहमियत देते है लेकिन अंतत: ... बहुत कुछ है मन मे लिखने के लिए लेकिन कुछ बातें या यू कहें कुछ यादें आ जाती है और मन खट्टा कर जाती है तो कुछ लिख नही पाते हैं |

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Monday, December 19, 2011

देव शक्तियों को जाग्रत करे जप माला की इस मंत्र से पूजा

शास्त्रों के मुताबिक मंत्र स्मरण देव शक्तियों के आवाहन से मन और जीवन को कलहमुक्त बनाने का श्रेष्ठ और अचूक उपाय है। विशेष कामनाओं की पूर्ति के लिये देव मंत्र जप विशेष मालाओं से करने का महत्व है। किंतु अक्सर देखा जाता है कि मंत्र जप के लिए उपयोग की जाने वाली जप माला मात्र मंत्र संख्या की गिनती का जरिया मान ली जाती है और उससे संबंधित शास्त्रों में नियत मर्यादाएं भंग होती है। जबकि यह फल प्राप्ति के नजरिए से दोष पूर्ण हैं।
दरअसल, शास्त्रों के मुताबिक मंत्र जप माला जाग्रत होती है यानी वह जड़ नहीं चेतन होती है। क्योंकि माना जाता है कि देव शक्तियों के ध्यान के साथ हाथ, अंगूठे या अंगुलियों के  अलग-अलग भागों से  गुजरते माला के दाने आत्म ब्रह्म को जाग्रत करते हैं। इन स्थानों से देवीय ऊर्जा मन व शरीर में प्रवाहित होती है। इसलिए यह भी देव स्वरूप है। जिससे मिलने वाली शक्ति या ऊर्जा अनेक दु:खों का नाश करती है।
यही कारण है कि मंत्र जप के पहले जप माला का भी विशेष मंत्र से स्तुति करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। जानते हैं यह जप माला की उपासना का यह मंत्र -
महामाये महामाले सर्वशक्तिस्वरूपिणि।
चतुर्वर्गस्त्वयि न्यस्तस्तस्मान्मे सिद्धिदा भव।।
अविघ्रं कुरु माले त्वं गृह्णामि दक्षिणे करे।
जपकाले च सिद्धयर्थं प्रसीद मम सिद्धये।।
सरल अर्थ है कि सर्वशक्ति स्वरूपा महामाला आप में ही धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष समाये हैं। इनकी प्राप्ति भी आपसे ही संभव है। इसलिए मंत्र जप के दौरान आने वाली सभी बाधाओं का नाश करें और जिस साधना और सिद्धि के लिये मैंने आपको दाएं हाथ में ग्रहण किया है, वह भी सिद्ध करो।

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