About Me

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हर जगह ये पूछा जाता है कि अपने बारे मे बताइए (About me), हम ये सोचते है की जो हमें जानते है उन्हें अपने बारे मे बताना ग़लत होगा क्योंकि वो हमें जानते है और जो हमें नही जानते उन्हे हम बता कर क्या करेंगे की हम कौन है | जो हमें नही जानता क्या वो वाकई हमें जानना चाहता है और अगर जानना चाहता है तो उसे About me से हम क्या बताये क्योंकि हम समझते है बातचीत और मिलते रहने से आप एक दूसरे को बेहतर समझ सकते हो About Me से नही | वैसे एक बात और है हम अपने बारे मे बता भी नही सकते है क्योंकि हमें खुद नही पता की हम क्या है ? हम आज भी अपने आप की तलाश कर रहे है और आज तक ये नही जान पायें हैं की हम क्या है? अब तक का जीवन तो ये जानने मे ही बीत गया है की हमारे आस पास कौन अपना है और कौन पराया ? ये जीवन एक प्रश्न सा ज़रूर लगता है और इस प्रश्न को सुलझाने मे हम कभी ये नही सोच पाते है की हम कौन है? कुछ बातें सीखने को भी मिली जैसे आपका वजूद आपके स्वभाव या चरित्र से नही बल्कि आपके पास कितने पैसे है उससे निर्धारित होता है | कुछ लोग मिले जो कहते थे की वो रिश्तों को ज़्यादा अहमियत देते है लेकिन अंतत: ... बहुत कुछ है मन मे लिखने के लिए लेकिन कुछ बातें या यू कहें कुछ यादें आ जाती है और मन खट्टा कर जाती है तो कुछ लिख नही पाते हैं |

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Friday, December 9, 2011

भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता

शास्त्रों के मुताबिक भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता है। क्योंकि भगवान गणेश विघ्रहर्ता व बुद्धिदाता माने जाते हैं। इसलिए गणेश पूजा किसी भी काम की पवित्र व अच्छे भावों के साथ शुभ व मंगल शुरुआत, कार्य के दौरान भी विघ्रों से रक्षा और अच्छे नतीजों को भी देने वाली मानी गई है।
इस तरह भगवान गणेश का नाम जीवन में कर्म और अच्छाई को अपनाने की प्रेरणा देता है। सांसारिक जीवन में भी जरूरतों व कामनाओं को पूरा करने के लिए इंसान हर दिन की बेहतर शुरुआत के साथ अपने कामों में मनचाही सफलता या नतीजों की कामना करता है।
शास्त्रों में हर रोज एक विशेष गणेश मंत्र बोलकर गणेश पूजा ऐसी ही शुभ कामनाओं को पूरा करने वाला बताया गया है। बुधवार या चतुर्थी को तो यह मंत्र स्मरण फल प्राप्ति के लिये अचूक है। इसी तरह शनिवार को यह शनि दोष दूर करता है। जानते हैं यह गणेश मंत्र और गणेश पूजा की सरल विधि-
- सुबह स्नान के बाद पवित्र होकर श्री गणेश की पूजा गंध, अक्षत, दूर्वा, पीले फूल, पीले वस्त्र, जनेऊ, गुड़, धनिया व मोदक का भोग अर्पित कर करें।
- पूजा के बाद भगवान श्री गणेश के इस मंत्र का स्मरण करें -
त्वमेव ब्रह्मा विष्णुश्र्च महेशो भानुरेव च।
त्वमेव पृथ्वी वायुरन्तरिक्षं दिशो द्रुमा:। पर्वतै: सहिता: सिद्धा गन्धर्वा यक्षराक्षसा:।।
मुनयो मानवाश्र्चापि स्थावरं जङ्गम जगत्। त्वमेव सर्वं देवेश सचेतनमचेतनम्।।
जन्मान्तरीययपुण्येन दृष्टोसि कश्यपात्मज।
- मंत्र स्मरण के बाद भगवान गणेश की आरती करें और घर में दीपज्योति फेराएं। प्रसाद ग्रहण करें।

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