About Me

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हर जगह ये पूछा जाता है कि अपने बारे मे बताइए (About me), हम ये सोचते है की जो हमें जानते है उन्हें अपने बारे मे बताना ग़लत होगा क्योंकि वो हमें जानते है और जो हमें नही जानते उन्हे हम बता कर क्या करेंगे की हम कौन है | जो हमें नही जानता क्या वो वाकई हमें जानना चाहता है और अगर जानना चाहता है तो उसे About me से हम क्या बताये क्योंकि हम समझते है बातचीत और मिलते रहने से आप एक दूसरे को बेहतर समझ सकते हो About Me से नही | वैसे एक बात और है हम अपने बारे मे बता भी नही सकते है क्योंकि हमें खुद नही पता की हम क्या है ? हम आज भी अपने आप की तलाश कर रहे है और आज तक ये नही जान पायें हैं की हम क्या है? अब तक का जीवन तो ये जानने मे ही बीत गया है की हमारे आस पास कौन अपना है और कौन पराया ? ये जीवन एक प्रश्न सा ज़रूर लगता है और इस प्रश्न को सुलझाने मे हम कभी ये नही सोच पाते है की हम कौन है? कुछ बातें सीखने को भी मिली जैसे आपका वजूद आपके स्वभाव या चरित्र से नही बल्कि आपके पास कितने पैसे है उससे निर्धारित होता है | कुछ लोग मिले जो कहते थे की वो रिश्तों को ज़्यादा अहमियत देते है लेकिन अंतत: ... बहुत कुछ है मन मे लिखने के लिए लेकिन कुछ बातें या यू कहें कुछ यादें आ जाती है और मन खट्टा कर जाती है तो कुछ लिख नही पाते हैं |

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Wednesday, November 16, 2011

अनोखा प्राणायाम

आमतौर पर आपने सुना होगा कि प्राणयाम सुबह जल्दी उठ कर किया जाना चाहिए लेकिन हम आपको ऐसे प्राणायाम के बारे मेंबता रहे हैं जो आधी रात में करना चाहिए।
ये पढ़ कर आपको आश्र्चय तो होगा कि क्या ये  सच है? जी हां ये सच है। हम आपको रात में होने वाले ऐसे प्राणायाम के बारें में बता रहे हैं जिससे आपको आसानी से जादूई ताकत मिल सकती है और आपको भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में पहले से ही पता चल जाएगा। योगसूत्रों के अनुसार प्राणायाम मन को शांत रखने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। साथ ही इससे किसी भी कार्य को करने की एकाग्रता बढ़ती है।
भ्रामरी प्राणायाम एक ऐसा  प्राणयाम है जिसे आप सिर्फ रात को ही कर सकते हैं। इसके रोजाना करने  से दिमाग में ऐसे न्यूरोंस एक्टीव हो जाते हैं जिससे आपको भविष्य में होने वाली अच्छी और बुरी घटनाओं का पहले ही पुता चल जाता हेै।

कैसे करें ये चमत्कारी प्राणायाम की विधि
योगियों के अनुसार यह प्राणायाम रात्रि के समय किया जाना चाहिए। जब आधी रात बीत जाए और किसी भी जीव-जंतु की कोई आवाज सुनाई ना दे। उस समय किसी भी सुविधाजनक आसन में बैठकर दोनों हाथों की उंगलियों को दोनों कानों में लगाकर सांस अंदर खींचे और कुंभक द्वारा सांस को रोकें।  इसमें कान बंद होने पर भौरों के समान शब्द सुनाई देने लगता है। यह शब्द दाएं कान में अनुभव होता है।

क्या चमत्कार होता है इस प्राणायाम से
योगियों के अनुसार इस आसन से मन की चंचलता आपका दिमाग भटकता बंद हो जाता है। सिर के बीच में होने वाले सहस्त्रार चक्र पर कंपन होती है। इससे भविष्य में होने वाली घटनाओं का आसानी से पता चल जाता है। अगर  कुछ अच्छा या बुरा होने वाला है तो पहले ही पता चल जाता है। लगातार ये प्राणायाम करने से तनाव दूर होता है और दैवीय शक्ति मिलती है।

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