Thursday, January 19, 2012
यह मंत्र बोल करें साईं को याद..फौरन पूरे होने लगेंगे अटके काम
शास्त्रों के मुताबिक ईश्वर का ज्ञान
स्वरूप व शक्ति गुरु के रूप पूजनीय है। क्योंकि गुरु से मिला ज्ञान,
शिक्षा, सत्य, प्रेरणा व शक्ति ही पूर्ण व कुशल बनाती है। इसलिए गुरु सेवा,
भक्ति या स्मरण मात्र से जागा बुद्धि और विवेक जीवन की तमाम परेशानियों से
उबारने वाला माना गया है।
धर्म परंपराओं में त्याग, तप, ज्ञान व प्रेम की साक्षात् मूर्ति साईं बाबा भी ऐसे ही जगतगुरु के रूप में पूजनीय है, जिनका ध्यान व दर्शन मात्र भी सारे दु:ख, संकट, परेशानियों व बाधाओं को टालने व खत्म करने वाला माना गया है।
साईं बाबा व उनके उपदेशों का स्मरण ईर्ष्या, द्वेष, स्वार्थ, कलह जैसे सारे बुरे भावों को दूर कर हर काम व कामना को पूरा करना आसान बना देता है। इसी कड़ी में हिन्दू मान्यताओं में गुरु उपासना के विशेष दिन साईं बाबा के सामने शास्त्रों में बताया एक विशेष गुरु मंत्र का ध्यान मनचाहे कामों में आ रही बाधा को दूर करने वाला माना गया है। जानिए यह विशेष मंत्र -
- गुरुवार को साईं बाबा की प्रतिमा या तस्वीर को चंदन, अक्षत, फूल, प्रसाद अर्पित कर धूप व दीप जलाकर नीचे लिखा गुरु मंत्र बोलें और सुख-सफलता की मुरादें मांग आरती करें-
नमो गुरुभ्यो गुरुपादुकाभ्यो नमः परेभ्यः परपादुकाभ्यः।
आचार्यसिद्धेश्वरपादुकाभ्यो नमोऽस्तु लक्ष्मीपतिपादुकाभ्यः।।
धर्म परंपराओं में त्याग, तप, ज्ञान व प्रेम की साक्षात् मूर्ति साईं बाबा भी ऐसे ही जगतगुरु के रूप में पूजनीय है, जिनका ध्यान व दर्शन मात्र भी सारे दु:ख, संकट, परेशानियों व बाधाओं को टालने व खत्म करने वाला माना गया है।
साईं बाबा व उनके उपदेशों का स्मरण ईर्ष्या, द्वेष, स्वार्थ, कलह जैसे सारे बुरे भावों को दूर कर हर काम व कामना को पूरा करना आसान बना देता है। इसी कड़ी में हिन्दू मान्यताओं में गुरु उपासना के विशेष दिन साईं बाबा के सामने शास्त्रों में बताया एक विशेष गुरु मंत्र का ध्यान मनचाहे कामों में आ रही बाधा को दूर करने वाला माना गया है। जानिए यह विशेष मंत्र -
- गुरुवार को साईं बाबा की प्रतिमा या तस्वीर को चंदन, अक्षत, फूल, प्रसाद अर्पित कर धूप व दीप जलाकर नीचे लिखा गुरु मंत्र बोलें और सुख-सफलता की मुरादें मांग आरती करें-
नमो गुरुभ्यो गुरुपादुकाभ्यो नमः परेभ्यः परपादुकाभ्यः।
आचार्यसिद्धेश्वरपादुकाभ्यो नमोऽस्तु लक्ष्मीपतिपादुकाभ्यः।।
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