Tuesday, October 25, 2011
लक्ष्मी के आसान मंत्र..
जगतजननी देवी के कल्याणकारी रूपों में दशमहाविद्या की साधना व पूजा सभी भौतिक व आध्यात्मिक सुख प्रदान करने वाली मानी गई है। इन दशमहाविद्याओं में ही एक है मां कमला। शास्त्रों के मुताबिक समुद्र मंथन से प्रकट हुई कमल पर विराजित देवी लक्ष्मी का यह स्वरूप धन, धान्य व ऐश्वर्य से पूर्ण कर दरिद्रता का अंत कर देती है।
दस विद्या की साधना में पावनता, संयम व अनुशासन का बड़ा महत्व है। लेकिन दीपावली के पांच दिनों की शुभ घड़ी में कमला लक्ष्मी का आसान मंत्रों से स्मरण मात्र भी श्री संपन्न और अर्थ कामना सिद्ध करने वाला बताया गया है।
दीपपर्व के हर दिन विशेष विधि-विधान से उपासना के बाद किसी लाल आसन पर बैठ इन 11 विशेष नामों का मन ही मन स्मरण कर अंत में लाल फूल और अक्षत चढ़ाकर देवी से सुख-समृद्ध जीवन की कामना करें-
ऊँ कमलायै नम:
ऊँ महामायायै नम:
ऊँ मंङ्गलायै नम:
ऊँ महाविष्णुप्रियंकर्यै नम:
ऊँ महाशक्त्यै नम:
ऊँ वरदायै नम:
ऊँ पूर्णायै नम:
ऊँ इन्दिरायै नम:
ऊँ गोविन्दवल्लभायै नम:
ऊँ मातंङ्गायै नम:
ऊँ वेदपूजितायै नम:
दस विद्या की साधना में पावनता, संयम व अनुशासन का बड़ा महत्व है। लेकिन दीपावली के पांच दिनों की शुभ घड़ी में कमला लक्ष्मी का आसान मंत्रों से स्मरण मात्र भी श्री संपन्न और अर्थ कामना सिद्ध करने वाला बताया गया है।
दीपपर्व के हर दिन विशेष विधि-विधान से उपासना के बाद किसी लाल आसन पर बैठ इन 11 विशेष नामों का मन ही मन स्मरण कर अंत में लाल फूल और अक्षत चढ़ाकर देवी से सुख-समृद्ध जीवन की कामना करें-
ऊँ कमलायै नम:
ऊँ महामायायै नम:
ऊँ मंङ्गलायै नम:
ऊँ महाविष्णुप्रियंकर्यै नम:
ऊँ महाशक्त्यै नम:
ऊँ वरदायै नम:
ऊँ पूर्णायै नम:
ऊँ इन्दिरायै नम:
ऊँ गोविन्दवल्लभायै नम:
ऊँ मातंङ्गायै नम:
ऊँ वेदपूजितायै नम:
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