Monday, October 17, 2011
तीन संयोग और 24 घंटे का महामुहूर्त
20 अक्टूबर को गुरु पुष्य नक्षत्र है। गुरुवार का दिन होने के अलावा सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि और गजकेसरी योग की वजह से इसका महत्व बढ़ गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. आनंद शंकर व्यास के मुताबिक यह सुबह 6.35 से अगले दिन सुबह 6.33 तक रहेगा। यानी सभी कार्यो के लिए 24 घंटे का महामुहूर्त। इससे पहले यह नक्षत्र 2007 में था। अगली बार यह 2014 में आएगा।
धन, ज्ञान और बल के प्रतीक का दिन
राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री बताते हैं कि इसी दिन भगवान श्रीराम का विवाह हुआ था। इसके अलावा गुरु पुष्य नक्षत्र को महालक्ष्मी, महासरस्वती और महाकाली का संयोग भी माना जाता है। यानी धन, ज्ञान और बल के प्रतीक का दिन।
गुरु और शनि की वजह से खास है..
जालंधर के पं. सतपाल कहते हैं पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों में सबसे अधिक फलदायी माना गया है। इसके देवता बृहस्पति हैं। लेकिन स्वामी शनि। बृहस्पति ज्ञान और नीति-निर्धारण में अग्रणी बनाते हैं। जबकि शनि स्थिरता लाते हैं। इस दिन जो कार्य किए जाते हैं, वे लंबे समय तक शुभ फल देते हैं।
बच्चों के लिए विशेष प्रभावशाली दिन
लुधियाना के ज्योतिष पं. मनोज शर्मा बताते हैं 20 अक्टूबर को अहोई अष्टमी भी है। इस दिन माताएं बच्चों की दीर्घायु और संपन्नता के लिए व्रत रखती हैं। गुरु पुत्र कारक होता है। यानी यह नक्षत्र बच्चों के लिए विशेष रूप से प्रभावी रहेगा। बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी चीजें खरीदना शुभ होगा।
चौघड़िए के मुताबिक खरीदारी का विशेष फल
ज्योतिषियों के मुताबिक चौघड़िए के मुताबिक खरीदारी हो तो विशेष फल मिलता है। पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं और उन्हें सोना प्रिय होता है। इसलिए सोना खरीदना अधिक फलदायी है। साथ ही इस दिन जमीन खरीदना भी शुभदायी माना गया है।
कब क्या खरीदें
> सुबह 10.47 से दोपहर 12.12 बजे तक चर का चौघड़िया है। इस दौरान वाहन, यंत्र (मशीनरी), इलेक्ट्रॉनिक सामान व बही खातों की खरीदारी श्रेष्ठ रहेगी।
> दोपहर 12.12 से 3.01 बजे तक लाभ और अमृत के चौघड़िए में सभी प्रकार की वस्तुएं खरीदना शुभ होगा। खास कर बहीखाते, धातु, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं।
> शाम 4.27 से सूर्यास्त तक शुभ के चौघड़िए में जमीन-जायदाद की खरीदारी शुभ है।
> शुक्रवार को सुबह 10.47 बजे तक लाभ-अमृत में बर्तन, गहने, वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी श्रेष्ठ रहेगी।
धन, ज्ञान और बल के प्रतीक का दिन
राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री बताते हैं कि इसी दिन भगवान श्रीराम का विवाह हुआ था। इसके अलावा गुरु पुष्य नक्षत्र को महालक्ष्मी, महासरस्वती और महाकाली का संयोग भी माना जाता है। यानी धन, ज्ञान और बल के प्रतीक का दिन।
गुरु और शनि की वजह से खास है..
जालंधर के पं. सतपाल कहते हैं पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों में सबसे अधिक फलदायी माना गया है। इसके देवता बृहस्पति हैं। लेकिन स्वामी शनि। बृहस्पति ज्ञान और नीति-निर्धारण में अग्रणी बनाते हैं। जबकि शनि स्थिरता लाते हैं। इस दिन जो कार्य किए जाते हैं, वे लंबे समय तक शुभ फल देते हैं।
बच्चों के लिए विशेष प्रभावशाली दिन
लुधियाना के ज्योतिष पं. मनोज शर्मा बताते हैं 20 अक्टूबर को अहोई अष्टमी भी है। इस दिन माताएं बच्चों की दीर्घायु और संपन्नता के लिए व्रत रखती हैं। गुरु पुत्र कारक होता है। यानी यह नक्षत्र बच्चों के लिए विशेष रूप से प्रभावी रहेगा। बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी चीजें खरीदना शुभ होगा।
चौघड़िए के मुताबिक खरीदारी का विशेष फल
ज्योतिषियों के मुताबिक चौघड़िए के मुताबिक खरीदारी हो तो विशेष फल मिलता है। पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं और उन्हें सोना प्रिय होता है। इसलिए सोना खरीदना अधिक फलदायी है। साथ ही इस दिन जमीन खरीदना भी शुभदायी माना गया है।
कब क्या खरीदें
> सुबह 10.47 से दोपहर 12.12 बजे तक चर का चौघड़िया है। इस दौरान वाहन, यंत्र (मशीनरी), इलेक्ट्रॉनिक सामान व बही खातों की खरीदारी श्रेष्ठ रहेगी।
> दोपहर 12.12 से 3.01 बजे तक लाभ और अमृत के चौघड़िए में सभी प्रकार की वस्तुएं खरीदना शुभ होगा। खास कर बहीखाते, धातु, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं।
> शाम 4.27 से सूर्यास्त तक शुभ के चौघड़िए में जमीन-जायदाद की खरीदारी शुभ है।
> शुक्रवार को सुबह 10.47 बजे तक लाभ-अमृत में बर्तन, गहने, वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी श्रेष्ठ रहेगी।
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