Friday, February 3, 2012
तीन अंगुलियों को आपस में ऐसे मिलाने से दिमाग तलवार से भी तेज चलने लगेगा
जब मानसिक तनाव बढ़ता है तो हमारा दिमाग उस उलझन में ठीक से सोच नहीं पाता और हम ठीक से निर्णय नहीं ले पाते। ऐसे में हमेशा डर बना रहता है कि हम कोई गलत निर्णय ना ले ले। इस डर से बचने का एक ही उपाय है कि हमारा दिमाग ठीक से कार्य करें। दिमाग को ठीक से चलाने के लिए प्रतिदिन सुबह-सुबह ज्ञान मुद्रा में बैठें। ज्ञान मुद्रा की मदद से हमारा दिमाग दौडऩे लगेगा। इस मुद्रा से हमारे दिमाग को सही चेतना मिलेगी और वह अच्छे से कार्य करेगा।
ज्ञान मुद्रा बनाने की विधि- किसी शांत और शुद्ध वातावरण वाले स्थान पर कंबल आदि बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अब अपने दोनो हाथों को घुटनों पर रख लें। अंगूठे के पास वाली तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) के ऊपर के पोर को अंगूठे के ऊपर वाले पोर से मिलाकर हल्का सा दबाव दें। हाथ की बाकी की तीनों उंगलियां बिल्कुल एक साथ लगी हुई और सीधी रहनी चाहिए। अंगूठे और तर्जनी उंगली के मिलने से जो मुद्रा बनती है उसे ही ज्ञान मुद्रा कहतें है। ध्यान लगाते समय सबसे ज्यादा ज्ञान मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता है।
ज्ञान मुद्रा बनाने की विधि- किसी शांत और शुद्ध वातावरण वाले स्थान पर कंबल आदि बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अब अपने दोनो हाथों को घुटनों पर रख लें। अंगूठे के पास वाली तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) के ऊपर के पोर को अंगूठे के ऊपर वाले पोर से मिलाकर हल्का सा दबाव दें। हाथ की बाकी की तीनों उंगलियां बिल्कुल एक साथ लगी हुई और सीधी रहनी चाहिए। अंगूठे और तर्जनी उंगली के मिलने से जो मुद्रा बनती है उसे ही ज्ञान मुद्रा कहतें है। ध्यान लगाते समय सबसे ज्यादा ज्ञान मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता है।
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