Friday, February 3, 2012
इस मंत्र से करें यह छोटा-सा उपाय..तो शनि खोल देंगे भाग्य का द्वार
शास्त्र कहते हैं कि अगर इंसान शनि दशा या दैनिक जीवन में अच्छे कर्म, आचरण व व्यवहार करे तो बुरा वक्त माने जाने वाली शनि की दशा बेहाल न कर खुशहाल व भाग्यवान बना देती है। क्योंकि शनिदेवी की क्रूरता के पीछे भी अन्याय, बुराई व दुर्गुणों का अंत मुख्य लक्ष्य है, जिसे सांसारिक प्राणी शनि की अनेक दशा व स्थिति में भोगते हैं।
शनि दशाओं या अनिष्ट प्रभाव से बचने के लिए ही पुण्य कर्मों में पूजा-उपासना के अलावा सरल उपायों में दान का महत्व बताया गया है।
शनि कृपा के लिए ही दान में शनि को ही प्रिय लगने वाली चीजों के दान विशेष मंत्र से करने का महत्व बताया गया है। इससे शनि दोष शांत हो जाते हैं। जानते हैं यह शनि मंत्र और दान वस्तुएं -
- शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा-उपासना के बाद मृत्युतुल्य कष्टों व परेशानियों को दूर करने के लिए लोहा, तेल, कंबल, उड़द की काली दाल, नीलम रत्न, सोना, नीले फूल, नमक, छाता, चमड़े के जूते-चप्पल या भैंस या गाय-बछड़े का दान किसी भी योग्य ब्राह्मण को नीचे लिखा मंत्र बोलते हुए करें -
शनैश्चरप्रीतिकरं दानं पीड़ा-निवारकम्।
सर्वापत्ति विनाशाय द्विजाग्रयाय ददाम्यहम्।।
- दान के साथ 1 या यथाशक्ति संख्या में ब्राह्मणों को भोजन कराएं व दक्षिणा दें।
शनि दशाओं या अनिष्ट प्रभाव से बचने के लिए ही पुण्य कर्मों में पूजा-उपासना के अलावा सरल उपायों में दान का महत्व बताया गया है।
शनि कृपा के लिए ही दान में शनि को ही प्रिय लगने वाली चीजों के दान विशेष मंत्र से करने का महत्व बताया गया है। इससे शनि दोष शांत हो जाते हैं। जानते हैं यह शनि मंत्र और दान वस्तुएं -
- शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा-उपासना के बाद मृत्युतुल्य कष्टों व परेशानियों को दूर करने के लिए लोहा, तेल, कंबल, उड़द की काली दाल, नीलम रत्न, सोना, नीले फूल, नमक, छाता, चमड़े के जूते-चप्पल या भैंस या गाय-बछड़े का दान किसी भी योग्य ब्राह्मण को नीचे लिखा मंत्र बोलते हुए करें -
शनैश्चरप्रीतिकरं दानं पीड़ा-निवारकम्।
सर्वापत्ति विनाशाय द्विजाग्रयाय ददाम्यहम्।।
- दान के साथ 1 या यथाशक्ति संख्या में ब्राह्मणों को भोजन कराएं व दक्षिणा दें।
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