Wednesday, December 14, 2011
रामरक्षास्त्रोत
भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते
हैं। श्रीराम चरित्र खासतौर पर आज की युवा पीढ़ी के लिए जीवन की आपाधापी
में कर्म, विचार और व्यवहार में संतुलन, संयम व अनुशासन से कामयाबी के
अद्भुत सूत्र व प्रेरणा देता है।
भगवान राम ने युवाकाल में ही मर्यादा और शक्ति के बेहतर गठजोड़ व तालमेल से अयोध्या से लेकर लंका तक तमाम विपरीत और कठिन परिस्थितियों में सफलता व यश प्राप्त किया।
यही कारण है कि युवाओं के लिए शास्त्रों में बताए रामरक्षास्त्रोत के विशेष मंत्र का हर रोज ध्यान आज के भाग-दौड़ भरे जीवन के उतार-चढ़ाव में असफलता व मायूसी से बचाने वाला माना गया है। यथासंभव रामरक्षास्त्रोत का संपूर्ण पाठ मंगलकारी है, किंतु वक्त या किसी अन्य कारण से ऐसा करना संभव न हो तो इस एक विशेष मंत्र का श्रीराम की पंचोपचार पूजा के बाद करना भी शुभ होगा -
- सुबह स्नान के बाद श्रीराम मंदिर या घर के देवालय में भगवान राम संग माता सीता और लक्ष्मण की प्रतिमा की शुद्ध गंगा जल से स्नान कराने के बाद चंदन, पीताम्बरी वस्त्र, कमल का फूल या अन्य कोई भी सुगंधित फूल व फल या पकवानों का भोग लगाएं।
- किसी स्वच्छ आसन पर बैठ धूप व दीप लगकार नीचे लिखा यह मंत्र विशेष स्मरण करें -
संनद्ध: कवची खङ्गी चापबाणधरो युवा।
गच्छन् मनोरथान् नश्च राम: पातु सलक्ष्मण:।।
- मंत्र स्मरण के बाद श्रीराम स्तुति और आरती करें। श्रीराम को अर्पित चंदन मस्तक व कंठ पर लगाएं। यह विचार और बोल में मर्यादा के साथ कर्मों में भी पवित्रता आए। यह मंत्र रोग-दोष भगाने वाला भी माना गया है।
भगवान राम ने युवाकाल में ही मर्यादा और शक्ति के बेहतर गठजोड़ व तालमेल से अयोध्या से लेकर लंका तक तमाम विपरीत और कठिन परिस्थितियों में सफलता व यश प्राप्त किया।
यही कारण है कि युवाओं के लिए शास्त्रों में बताए रामरक्षास्त्रोत के विशेष मंत्र का हर रोज ध्यान आज के भाग-दौड़ भरे जीवन के उतार-चढ़ाव में असफलता व मायूसी से बचाने वाला माना गया है। यथासंभव रामरक्षास्त्रोत का संपूर्ण पाठ मंगलकारी है, किंतु वक्त या किसी अन्य कारण से ऐसा करना संभव न हो तो इस एक विशेष मंत्र का श्रीराम की पंचोपचार पूजा के बाद करना भी शुभ होगा -
- सुबह स्नान के बाद श्रीराम मंदिर या घर के देवालय में भगवान राम संग माता सीता और लक्ष्मण की प्रतिमा की शुद्ध गंगा जल से स्नान कराने के बाद चंदन, पीताम्बरी वस्त्र, कमल का फूल या अन्य कोई भी सुगंधित फूल व फल या पकवानों का भोग लगाएं।
- किसी स्वच्छ आसन पर बैठ धूप व दीप लगकार नीचे लिखा यह मंत्र विशेष स्मरण करें -
संनद्ध: कवची खङ्गी चापबाणधरो युवा।
गच्छन् मनोरथान् नश्च राम: पातु सलक्ष्मण:।।
- मंत्र स्मरण के बाद श्रीराम स्तुति और आरती करें। श्रीराम को अर्पित चंदन मस्तक व कंठ पर लगाएं। यह विचार और बोल में मर्यादा के साथ कर्मों में भी पवित्रता आए। यह मंत्र रोग-दोष भगाने वाला भी माना गया है।
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