Wednesday, March 21, 2012
अमावस्या-गुरुवार का संयोग - धन अभाव दूर करे शिव मंत्र के साथ यह खास उपाय
काल की मार से सबल को भी कमजोर बन तन, मन या धन की परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे वक्त में प्रेम और सहयोग ही सबसे बड़ी ताकत बन सकती है। किंतु अभाव में संयम की कमी परिवार में कलह और तंगहाली के हालात भी पैदा करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक काल के नियंत्रक भगवान शिव हैं। शिव सत्य और प्रेम स्वरूप ब्रह्म के रूप में भी पूजनीय है। वहीं ज्ञानस्वरूप होने से वे जगतगुरु भी कहलाते हैं।
यही कारण है कि शिव भक्ति विपरीत समय में जीवन की नैय्या को पार लगाने वाली मानी गई है। बृहस्पति भी शिवकृपा से देव गुरु बने। जिनमें धन कामना सिद्धि के लिए अमावस्या के साथ गुरुवार के संयोग में शिव भक्ति ज्ञान, धन और शांति देने वाली मानी गई है।
कल अमावस्या-गुरुवार के संयोग में यहां बताया जा रहा है शिव उपासना का समृद्ध और कलहमुक्त जीवन जीने के लिए एक ऐसा सरल उपाय। जिसे आप चलते-फिरते दिन में किसी भी वक्त अपनाएं तो बहुत ही लाभ प्राप्त होगा। इससे ग्रह दोष शांति भी होगी।
यह उपाय है - विशेष मंत्र से शिव का ध्यान व पीपल की जड़ में दूध व काले तिल मिले जल का अर्पण। चूंकि पीपल वृक्ष में भगवान शिव का वास भी माना गया है। इसलिए कष्ट निवारण और दरिद्रता के शमन का यह अचूक उपाय माना गया है। जानें यह मंत्र और विधि -
- अमावस्या पर स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करें।
- समीप स्थित किसी पीपल वृक्ष खासतौर पर देवालय के पीपल वृक्ष को प्रणाम कर गंध, अक्षत, फूल अर्पित करें।
- पूजा सामग्री अर्पित कर नीचे लिखें मंत्रों से पीपल को स्पर्श करें और शिव का स्मरण कर जल व तिल मिला जल पीपल की जड़ में चढ़ाएं -
पीपल स्पर्श करते हुए यह मंत्र बोलें, बाद पीड़ा व दरिद्रता नाशक शिव नाम मंत्र बोलें -
नेत्रस्पन्दादिजं दु:खं दु:स्वप्रं दुर्विचिन्तनम्।
शक्तानां च समुद्योगमश्र्वत्थ त्वं क्षमस्व मे।।
शिव मंत्र -
ॐ शर्वाय नम: (शर्व यानी कष्ट को हरने वाले)
- मंत्र स्मरण व जल अर्पण के बाद मिठाई का भोग लगा धूप, दीप से शिव आरती कर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों को हरने की विनती भगवान शिव से मन ही मन करें। पीपल में चढ़ाया थोड़ा सा जल घर में लाकर छिड़कें।
यही कारण है कि शिव भक्ति विपरीत समय में जीवन की नैय्या को पार लगाने वाली मानी गई है। बृहस्पति भी शिवकृपा से देव गुरु बने। जिनमें धन कामना सिद्धि के लिए अमावस्या के साथ गुरुवार के संयोग में शिव भक्ति ज्ञान, धन और शांति देने वाली मानी गई है।
कल अमावस्या-गुरुवार के संयोग में यहां बताया जा रहा है शिव उपासना का समृद्ध और कलहमुक्त जीवन जीने के लिए एक ऐसा सरल उपाय। जिसे आप चलते-फिरते दिन में किसी भी वक्त अपनाएं तो बहुत ही लाभ प्राप्त होगा। इससे ग्रह दोष शांति भी होगी।
यह उपाय है - विशेष मंत्र से शिव का ध्यान व पीपल की जड़ में दूध व काले तिल मिले जल का अर्पण। चूंकि पीपल वृक्ष में भगवान शिव का वास भी माना गया है। इसलिए कष्ट निवारण और दरिद्रता के शमन का यह अचूक उपाय माना गया है। जानें यह मंत्र और विधि -
- अमावस्या पर स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करें।
- समीप स्थित किसी पीपल वृक्ष खासतौर पर देवालय के पीपल वृक्ष को प्रणाम कर गंध, अक्षत, फूल अर्पित करें।
- पूजा सामग्री अर्पित कर नीचे लिखें मंत्रों से पीपल को स्पर्श करें और शिव का स्मरण कर जल व तिल मिला जल पीपल की जड़ में चढ़ाएं -
पीपल स्पर्श करते हुए यह मंत्र बोलें, बाद पीड़ा व दरिद्रता नाशक शिव नाम मंत्र बोलें -
नेत्रस्पन्दादिजं दु:खं दु:स्वप्रं दुर्विचिन्तनम्।
शक्तानां च समुद्योगमश्र्वत्थ त्वं क्षमस्व मे।।
शिव मंत्र -
ॐ शर्वाय नम: (शर्व यानी कष्ट को हरने वाले)
- मंत्र स्मरण व जल अर्पण के बाद मिठाई का भोग लगा धूप, दीप से शिव आरती कर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों को हरने की विनती भगवान शिव से मन ही मन करें। पीपल में चढ़ाया थोड़ा सा जल घर में लाकर छिड़कें।
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