Friday, June 27, 2014
गुप्त नवरात्रि
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि में हर दिन देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में विविध प्रकार की पूजा से माता को प्रसन्न किया जाता है। गुप्त नवरात्रि में देवी को विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं।
शास्त्रों के अनुसार प्रतिपदा से लेकर नौ तिथियों में देवी को विशिष्ट भोग अर्पित करने तथा ये भोग गरीबों को दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जानिए किस तिथि पर देवी को किस चीज का भोग लगाना चाहिए:
प्रतिपदा यानी गुप्त नवरात्रि के पहले दिन माता को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।
द्वितीया तिथि को माता को शक्कर का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे साधक को दीर्घायु प्राप्त होती है।
तृतीया तिथि को माता को दूध चढ़ाएं तथा इसका दान करें। ऐसा करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है।
चतुर्थी तिथि को मालपूआ चढ़ाकर दान करें। इससे सभी प्रकार की समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
पंचमी तिथि को माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं व गरीबों को केले का दान करें। इससे आपके परिवार में सुख-शांति रहेगी।
पंचमी तिथि को माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं व गरीबों को केले का दान करें। इससे आपके परिवार में सुख-शांति रहेगी।
षष्ठी तिथि के दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं व इसका दान भी करें। ये गरीब भी मालामाल हो जाता है।
सप्तमी तिथि को माता को गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाएं तथा दान भी करें। इससे दरिद्रता का नाश होता है।
अष्टमी तिथि को नारियल का भोग लगाएं तथा नारियल का दान भी करें। इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
नवमी तिथि को माता को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं व यथाशक्ति गरीबों में दान करें। इससे लोक-परलोक में आनंद व वैभव मिलता है।